2030 तक भारत में पैदा होने लगेगी 1 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन : पुरी
नर्सरी टुडे डेस्क
नई दिल्ली। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) ने 2030 तक 1 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) से अधिक ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। ये बात केन्द्री य पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ग्रीन हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन के विकास के लिए एक इको-सिस्टम स्थापित किया है, जिसके कारण 2030 तक हमारा उत्पांदन 1 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगा। उन्होंसने ये भी कहा कि हाइड्रोजन की वैश्विक मांग 200 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है। पुरी ने कहा कि इस बात को लेकर वैश्विक सहमति है कि हमें नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। उन्हों ने कहा कि भारत एक नई यात्रा पर निकल पड़ा है और सभी स्टॉसकहोल्डेरों के बीच सक्रिय समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के हालिया लॉन्च के साथ सरकार का मकसद इसके व्यवसाय में तेजी लाना है।
ऊर्जा नवीनीकरण में चौथे स्था न पर भारत
पुरी ने कहा कि न्यूथ ऊर्जा क्षमता के मामले में भारत चौथे स्थान पर है और इसने सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए सबसे कम दीर्घकालिक स्तर की लागत हासिल की है। हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में हमें प्राकृतिक लाभ है क्योंकि हमारे पास प्रचुर मात्रा में सौर ऊर्जा और हमारे पावर ग्रिड में निवेश है। हमारे पास ग्रीन हाइड्रोजन के लिए उपयुक्त जलवायु, संसाधन, पर्याप्त उत्पादन और मजबूत आपूर्ति-श्रृंखला है।
कौन कर रहा है इसमें सहयोग
पुरी ने बताया कि इस अभियान में यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) हमारा सहयोगी होगा और 1 बिलियन यूरो की फंडिंग के साथ बड़े पैमाने पर उद्योग केंद्र विकसित करने में सहायता करेगा। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने हाल ही में हरित विकास के लिए भारत की आकांक्षाओं में सहायता के लिए पांच वर्षों में $20-$25 बिलियन प्रदान करने का अपना इरादा व्यक्त किया है। इतना ही नहीं, विश्व बैंक ने भारत की निम्न-कार्बन संक्रमण यात्रा का समर्थन करने के लिए $1.5 बिलियन के फंड को मंजूरी दी है।
पीएसयू निभायेंगे अहम भूमिका
पुरी ने पीएसयू को सुचारू हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख गेम चेंजर बताते हुए कहा कि पीएसयू हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस मौके पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (इंडस्ट्री चार्ज) और पीएमओ राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हाइड्रोजन मिशन न केवल नौकरियां पैदा करेगा बल्कि वैश्विक व्यापार को भी बढ़ावा देगा और आत्मनिर्भर भारत के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराएगा।