शोध: पत्तियों पर लगे पैच से पता चलेगा बीमारियों का पता

अच्छी बागवानी में तकनीक की एक महत्वपूर्ण भूमिका है. तकनीक की मदद से बागवान पौधों में न केवल समय रहते बीमारी का पता लगा सकते हैं,बल्कि उसका सही इलाज कर फसल को बर्बाद होने से भी बचा सकते हैं. इसी कड़ी में नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा पैच विकसित किया है जिसकी मदद से फसलों में होने वाली बीमारी का पता पहले लगा सकते हैं.
दरअसल, नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक इलेक्ट्रॉनिक पैच विकसित किया है, जिसे पौधों की पत्तियों पर विभिन्न बीमारियों- जैसे वायरल-फंगल संक्रमण, सूखे या खारापन का पता लगाया जा सकता है. परीक्षण में शोधकर्ताओं ने पाया कि पैच टमाटर में वायरल संक्रमण का पता लगाने में सफल था. इस तकनीक के माध्यम से किसानों को एक सप्ताह से अधिक समय पहले बीमारी के किसी भी लक्षण का पता चल जाएगा.

क्या है इस तकनीक की उपयोगिता
यह तकनीक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जितनी जल्दी पौधों की बीमारियों या फंगल संक्रमण के बारे में पता चलेगा, उतनी जल्दी उन बीमारियों का रोकथाम कर पाएंगे. इस तकनीक की मदद से न सिर्फ फसल को खराब होने से बचाया जा सकता है, बल्कि होने वाले आर्थिक नुकसान को भी कम किया जा सकता है. इस पैच में सेंसर भी लगाया गया है. सेंसर का काम तापमान, पर्यावरण में मौजूद ह्यूमिडिटी और पौधों द्वारा उनकी पत्तियों के माध्यम से ‘निकास’ की जाने वाली नमी की मात्रा की निगरानी करता है ताकि जल्द से जल्द होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सके.

पत्तियों पर लगाए जाते हैं ये पैच
यह पैच केवल 30 मिलीमीटर लंबे, सेंसर और सिल्वर नैनोवायर-आधारित इलेक्ट्रोड युक्त लचीली सामग्री से बने होते हैं। पैच पत्तियों के नीचे की तरफ लगाए जाते हैं, जिनमें पत्तों की धारियां अधिक होती है. पत्तियों के माध्यम से पौधों में हो रही सभी गतिविधियों पर ध्यान रखा जाता है.