DDA: यमुना के किनारों पर चल रहा था सुंदरीकरण, बाढ़ ने किया बर्बाद

नर्सरी टुडे डेस्क

पल्ला से ओखला बैराज तक 22 किमी के दायरे में यमुना के किनारों पर सुंदरीकरण के लिए DDA 405 करोड़ रुपये की 10 अलग-अलग परियोजनाओं पर काम कर रहा है, लेकिन यमुना की बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया।

नई दिल्ली। यमुना की बाढ़ में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। नुकसान के सही मूल्यांकन के लिए डीडीए इसका आंकलन कराएगा। इसके बाद पुरानी गलतियों से सबक लेकर विशेषज्ञों की सलाह पर ही दोबारा काम शुरू करेगा।

जानकारी के मुताबिक, पल्ला से ओखला बैराज तक 22 किमी के दायरे में यमुना के किनारों पर सुंदरीकरण के लिए DDA 10 अलग-अलग परियोजनाओं पर काम कर रहा है। हाल ही में एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में डीडीए की बोर्ड बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए बजट पास करने के क्रम में उक्त परियोजनाओं के लिए 405 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया था।

बताया जाता है कि असिता ईस्ट और बांसेरा के साथ- साथ आठ अन्य परियोजनाओं पर भी लंबे समय से काम चल रहा है। इसके अंतर्गत 80 हजार पेड़ लगाए जा चुके हैं, सलेक्शन वन श्रेणी की 29 लाख कार्पेट घास लगाई गई है। इसके अलावा स्कल्पचर, फुटपाथ, बेंच, हट और फव्वारों इत्यादि पर भी काफी रुपया खर्च किया जा चुका है।

अधिकारियों के मुताबिक, इस कार्य को गति देने के पीछे एक प्रमुख कारण जहां एनजीटी द्वारा यमुना की सफाई के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के निर्देश पर तय समय में यमुना के किनारों को आकर्षक बनाना रहा है, वहीं दूसरी ओर असिता ईस्ट व बांसेरा में जी-20 की कुछ गतिविधियां आयोजित करने की योजना भी रही है, लेकिन यमुना में आई बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया।

अब सभी परियोजनाओं पर नए सिरे से काम करना पड़ेगा। केवल एक बांसेरा में बर्बादी थोड़ा कम हुई है क्योंकि वह थोड़ी ऊंचाई पर है। विशेषज्ञों की मानें तो DDA यमुना किनारे जो काम कर रहा था, वो बाढ़ क्षेत्र के नियमों के अनुरूप था ही नहीं। इसीलिए वहां इतनी बर्बादी हुई। बाढ़ क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए। पेड़-पौधे भी वही लगाए जाने चाहिए, जो क्षेत्र के अनुकूल हों। सबसे अहम तथ्य यह कि बाढ़ क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखा जाए। यमुना के किनारों को संवार तो सकते हैं, लेकिन उसे पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित नहीं किया जा सकता।

परियोजना कुल क्षेत्र कुल बजट
परियोजना                                                             क्षेत्रफल                   बजट
असिता ईस्ट                                                        197 हेक्टेयर           13.29 करोड़
कालिंदी अविरल                                                100 हेक्टेयर          13.00 करोड़
कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क                        115 हेक्टेयर            7.58 करोड़
यमुना वाटिका                                                      200 हेक्टेयर            15.25 करोड़
अमृत बायोडायवर्सिटी पार्क                          108 हेक्टेयर               31.03 करोड़
घाट एरिया                                                          66 हेक्टेयर                   13.73 करोड़
यमुना वनस्थली                                                 236.5 हेक्टेयर             11.12 करोड़
मयूर नेचर पार्क                                                397.75 हेक्टेयर             82.20 करोड़
इको टूरिज्म एरिया                                         30 हेक्टेयर                         86.73 करोड़
हिंडन सरोवर                                                 45 हेक्टेयर                         1.48 करोड़

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