Gardening Tips: पौधों को स्वस्थ रखना है तो उपजाऊ बनाएं गमले की मिट्टी

गमले में पौधा लगाना बहुत आसान है, लेकिन पौधे को हमेशा स्वस्थ और हरा-भरा रखना बहुत मुश्किल। अक्सर गार्डन में फूलों और सब्जियों के पौधे के खराब होने की शिकायत आती है। चलिए आपकी ये शिकायत हम दूर कर देते हैं और बताते हैं कुछ टिप्स…

रवि प्रकाश मौर्य
नई दिल्ली। गमले या ग्रो बैग में किसी भी तरह का पौधा लगाने से पहले हमें ये ध्यान देना जरूरी है कि गमले या ग्रो बैग की मिट्टी कितनी उपजाऊ है। पौधे की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए सिर्फ पानी देना ही जरूरी नहीं होता, बल्कि और भी कुछ करने की जरूरत होती है। एक स्वस्थ पौधे के लिए उपजाऊ मिट्टी बहुत ही आवश्यक है। यही नहीं, गमले या ग्रो बैग में ये उपजाऊपन आगे भी बना रहे, इसके लिए उसमें नियमित रूप से पोषण देने की जरूरत होती है। इसके लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं, चलिए इस पर चर्चा करते हैं-

नाइट्रोजन युक्त खाद (Nitrogen Fertilizers)
गमले या ग्रो बैग की मिट्टी को उपजाऊ बनाने में नाइट्रोजन (Nitrogen) की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दरअसल, नाइट्रोजन मिट्टी के लिए बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व है। अगर आपको गमले या ग्रो बैग की मिट्टी को उपजाऊ बनाना है तो आपको नाइट्रोजन युक्त खाद को मिट्टी में मिलाना होगा। अगर आप सिर्फ खाद को मिट्टी के ऊपर-ऊपर से डाल देते हैं तो यह गमलों या ग्रो बैग की मिट्टी को उपजाऊ बनाने में उतनी असरदार साबित नहीं होती। नाइट्रोजन युक्त खाद के लिए आप 3 चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं- वर्मीकम्पोस्ट, सरसों की खली और नीम की खली। इसके अलावा तमाम नर्सरियों की दुकान पर पॉटिंग मिक्स भी मिलता है। इसे आप यहां से या ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

सरसों या नीम की खली गमले या ग्रो बैग की मिट्टी को उपजाऊ तो बनाती ही है, साथ ही यह पौधे में लगने वाले कवक से बचाती है। नीम खली या नीम केक पौधे में कीड़े लगने से भी रोकती है। नीम खली का उपयोग आप गमलों या ग्रो बैग में 6-7 महीनों में एक बार कर सकते हैं।

देसी गाय का गोबर (Desi Cow Dung)
गमलों या ग्रो बैग के पौधों को हरा-भरा रखने के लिए देसी गाय का गोबर बहुत आवश्यक है। आप गाय के गोबर में गुड़ मिलाकर खाद के रूप में इसका उपयोग कर सकते हैं। दरअसल, एक देसी गाय के गोबर में 300 करोड़ से भी ज्यादा सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं, जो गमलों या ग्रो बैग की मिट्टी उपजाऊ बनाने में सहायक होते हैं। गमलों या ग्रो बैग के पौधों के लिए यह सबसे अच्छा भोजन (Meal) होता है। इसके साथ ही गोबर में प्रचुर मात्रा में नाइट्रोजन पाया जाता है। मगर ध्यान रहे कि गमले या ग्रो बैग में कभी गाय का ताजा गोबर न डालें, नहीं तो पौधे खराब भी हो सकते हैं। गोबर की सड़ी खाद यानि गोबर अच्छी तरह से सड़ने या किण्वित होने के बाद ही उपयोग में लाएं।

पानी (Water)
गमलों या ग्रो बैग में पौधे तभी स्वस्थ रहते हैं, जब सही समय पर सही मात्रा में पानी दिया जाए। आवश्यकता से ज्यादा या कम पानी देना गमले या ग्रो बैग की मिट्टी और पौधे दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ध्यान रखें कि जब गमले या ग्रो बैग की ऊपरी परत एकदम सूखी दिखाई दे, तभी पानी दें। इसके अलावा पानी को फुहार के रूप में डालने के लिए वाटरिंग कैन का उपयोग करें।

रेत या बालू (Sand)
अगर आपके गमले या ग्रो बैग की मिट्टी ज्यादा सख्त या चिकनी है तो मिट्टी को उपजाऊ और नरम बनाने के लिए आप इसमें रेत या बालू (Sand) का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, गमले या ग्रो बैग के लिए थोड़ी रेतीली मिट्टी बहुत अच्छी मानी जाती है। इसका मतलब यह नहीं कि आप बहुत ज्यादा मात्रा में मिट्टी में रेत मिला दें। गमले या ग्रो बैग के लिए आपको मिट्टी और रेत को 7:1 के अनुपात में मिलाना चाहिए। इससे आपके गमले या ग्रो बैग की मिट्टी नरम और उपजाऊ हो जाएगी।

कैल्शियम (Calcium)
मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कैल्शियम (Calcium) एक आवश्यक तत्व होता है। कैल्शियम के लिए आप स्टोन पाउडर (Stone Powder) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे आप स्टोन का काम करने वालों या किसी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन साइट से भी ले सकते हैं। मिट्टी में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप अंडे के छिलकों का चूर्ण भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गमलों या ग्रो बैग की मिट्टी में पत्थरों का चूरा या स्टोन डस्ट भी आप मिला सकते हैं।

बरगद, केले और पीपल के पत्ते से बनी खाद (Manure made from banyan, banana and peepal leaves)
गमले या ग्रो बैग की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए बरगद, केले और पीपल के पत्तों से बनी खाद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, पत्तों से बनी खाद में काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो पौधे को हरा भरा-बनाने में काफी मदद करते हैं। पत्तों से बनी खाद में गोबर खाद की अपेक्षा काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो गमलों या ग्रो बैग की मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं। मगर ध्यान रहे कि जो भी पत्ते आप गमलों या ग्रो बैग की मिट्टी में डालें वे रोगमुक्त या कवकरहित हों, नहीं तो ये मिट्टी को खराब भी कर सकते हैं।

सूक्ष्म पोषक तत्व (Micro Nutrients)
किसी भी गमले या ग्रो बैग में पौधा लगाने से पहले उसमें उपस्थित पोषक तत्वों की जांच करना बेहद आवश्यक होता है। मिट्टी में नाइट्रोजन (Nitrogen), फास्फोरस (Phosphorus), पोटेशियम (Potassium), आयरन (Iron), जिंक (Zinc), कॉपर (Copper) की उचित मात्रा होना आवश्यक है। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आप मिट्टी में गोबर की खाद, कंपोस्ट खाद (Compost) या हरी खाद (Green Manure) का इस्तेमाल कर सकते हैं और अलग से भी इन तत्वों को दे सकते हैं।

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