बेंगलुरु में खुला कृषि विज्ञान संग्रहालय, जहां मिलेगी कृषि विकास की जानकारी

बेंगलुरु में 3 अगस्त को कृषि मंत्री एन. चालुवरायस्वामी और ICAR के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कृषि विज्ञान संग्रहालय (Agricultural Science Museum) उद्घाटन कर दिया। बेंगलुरु में यह इकलौता संग्रहालय होगा, जहां पर बच्चों, छात्रों और किसानों को कृषि के विकास के बारे में बताया-दिखाया जाएगा।
नर्सरी टुडे डेस्क
नई दिल्ली। ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों को आमतौर पर ये मालूम होता है कि फल एवं सब्जियां कहां से आती हैं और उसका उत्पादन किस तरह होता है, मगर शहरी पृष्ठभूमि से जुड़े अधिकतर बच्चे ये तक नहीं जानते कि हमें चावल कहां से मिलता है और आलू जमीन के ऊपर उगता है कि नीचे। आज के दौर में जब भी शहरी बच्चों की बात होती है, तो बहुत कम ही बच्चों को खेतीबाड़ी की बेसिक जानकारी होती है। ऐसे में शहरी बच्चों को इसकी जानकारी देने के लिए कृषि विज्ञान संग्रहालय की संकल्पना की गई। बेंगलुरु में आज इस तरह का एक संग्रहालय खोल दिया गया है। इसका उद्घाटन कृषि मंत्री एन. चालुवरायस्वामी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने किया।

इस बारे में कहा जा रहा कि बेंगलुरु में यह इकलौता ऐसा संग्रहालय होगा, जहां पर बच्चों, छात्रों, लोगों और किसानों को कृषि के विकास के बारे में बताया और दिखाया जाएगा। इस कृषि विज्ञान संग्रहालय का पूरा काम कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (UAS) ने किया है। इस संग्रहालय पर काम 2013 में शुरू हुआ था।

संग्रहालय बनेगा ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’
यह कृषि विज्ञान संग्रहालय परिसर 963 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। अधिकारियों को उम्मीद है कि संग्रहालय अपने कई मॉडलों और लाइव उदाहरणों के माध्यम से लोगों, छात्रों और किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ (One Stop Solution) के रूप में काम करेगा।

कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसवी सुरेश ने ‘नर्सरी टुडे’ को बताया, “शहरी हलचल के बीच बच्चों को कृषि गतिविधियां देखने या अनुभव करने को नहीं मिलती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि युवा दिमाग कृषि के बारे में जानें और यह भी जानें कि कृषि पद्धतियां कैसे विकसित हुई हैं। संग्रहालय बच्चों और छात्रों के लिए ज्ञान का आधार प्रदान करने में मदद करेगा।”

संग्रहालय में हैं 6 डिस्प्ले रूम
डॉ. एसवी सुरेश ने आगे बताया, “विभिन्न विषयों और मॉडलों के साथ 6 डिस्प्ले रूम हैं, जहां 2 कमरों में कृषि पद्धतियों में इतिहास और प्रगति शामिल है, वहीं तीसरे कमरे में मृदा विज्ञान (Soil Science) और फसल चक्र (Crop Cycle) पर मॉडल हैं। अन्य डिस्प्ले रूम में विभिन्न रोगों, फसल को संक्रमित करने वाले रोगाणुओं, मुर्गी पालन, सुअर पालन और रेशम उत्पादन जैसे सहायक व्यवसायों के बारे में जानकारी है।”

कृषि से संबंधित हर चीज की मिलेगी जानकारी
डॉ सुरेश ने बताया, “कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के परिसर में कई विभाग हैं। हमारा एक स्टाफ सदस्य संग्रहालय में मौजूद रहेगा और आए हुए लोगों, बच्चों, छात्रों और किसानों को अधिक जानकारी की आवश्यकता होने पर मार्गदर्शन करेगा। संग्रहालय में एक मिलेट्स गैलरी (Millets Gallery) भी होगी। इसके अलावा एग्रीकल्चर मार्केटिंग (Agricultural Marketing) पर भी डिटेल प्रदान किया जाएगा।”