‘शिवा प्रोजेक्ट’ के तहत 2025 से हिमाचल में लगेगा भारी संख्या में ड्रैगन फ्रूट
शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की हाल की घोषणा के साथ, हिमाचल प्रदेश ठोस बागवानी नीति बनाने वाला पहला राज्य बनेगा। ‘शिवा प्रोजेक्ट’ के तहत दूसरे फलों के साथ-साथ ड्रैगन फ्रूट भी लगाया जाएगा। कांगड़ा जिले के आशीष राणा ने बताया कि 2025 में शुरू होने वाली इस परियोजना के तहत राज्य में ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जाएंगे।
इसी सिलसिले में आशीष राणा हाल ही में शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिले और उन्हें ड्रैगन फ्रूट उपहार में दिया। उन्होंने बताया कि 2025 से 2028 तक चलने वाली इस परियोजना के तहत 6,000 हेक्टेयर जमीन पर 60 लाख फलों के पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें ड्रैगन फ्रूट भी शामिल होगा।
आशीष राणा ने अपने परिवार के साथ मिलकर बागवानी विभाग की मदद से ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी, और अब वह दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती से वह लाखों रुपये कमा रहे हैं। आशीष राणा, नगरोटा सूरियां के घाड़ जरोट के रहने वाले हैं। वह अपने पिता के साथ अपनी जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत की थी।
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सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्रदेश के बागवानी विभाग से संपर्क किया और 6 कनाल जमीन पर ड्रैगन फ्रूट के 450 पौधे लगाए। पिछले साल लगभग 1300 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन हुआ। आशीष ने बताया कि उन्होंने पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से यह फसल तैयार की है, इसलिए इसकी दूसरे राज्यों में अच्छी मांग है, जहां इसका दाम 250 से 500 रुपये प्रति किलोग्राम तक मिलता है।
बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि पहले ड्रैगन फ्रूट की खेती अन्य राज्यों में होती थी, लेकिन इसके औषधीय गुणों के कारण हिमाचल प्रदेश में इसकी मांग बढ़ रही है। इसलिए प्रदेश सरकार किसानों को इसकी खेती के लिए प्रेरित कर रही है। विभाग इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहा है।