कटाई और हार्मोन तकनीक से फिर से आएगा लीची का फल: विशेषज्ञ

समस्तीपुर: यदि किसी किसान के लीची के पेड़ फल देना बंद कर चुके हैं, तो उन्हें घबराने की ज़रूरत नहीं है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर के वैज्ञानिक, डॉ. धीरू ने लीची के पेड़ों को फिर से फल देने लायक बनाने के कुछ खास सुझाव दिए हैं। इन सुझावों की मदद से लीची के किसानो के पेड़ों में फिर से फल आने शुरू हो जायेंगे।

उन्होंने आगे बताया कि यदि लीची के पेड़ फल नहीं दे रहे हैं, तो घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। सबसे पहले पेड़ों की देखभाल करके उन्हें फिर से स्वस्थ बनाना जरूरी है। इसके लिए पौधों के पोषण को बहाल बहाल करना बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि पेड़ की एक स्वस्थ शाखा का 2-3 सेंटीमीटर हिस्सा काटना चाहिए। लेकिन इस बात का ख्याल ज़रूर रखे के पेड़ को हानि नहीं पहुंचनी चाहिए। इसके बाद कटे हुए हिस्से पर हार्मोन (जैसे ऑक्सिन या गिब्बेरेलिन) लगाएं, जिससे पेड़ में दोबारा फल आने के सम्भावना बढ़ जाएगी।

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लीची के पेड़ों को नियमित रूप से पानी देना और संतुलित पोषण देना भी जरूरी है। इससे पेड़ों की सेहत सुधरेगी और वे फिर से फल देना शुरू करेंगे। जिन किसानों के पेड़ पुराने हो गए हैं और फल नहीं दे रहे हैं, वे इन तकनीकों का इस्तेमाल करके अपनी फसल की उपज बढ़ा सकते हैं।

डॉ. धीरू ने लीची के पेड़ों की देखभाल के बारे में एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि आप कैसे अपने पेड़ों की देखभाल कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से इस वीडियो को देखने की सलाह दी है ताकि वे अपनी खेती की जानकारी को बढ़ा सकें और फसल उत्पादन में सुधार कर सकें। इस जानकारी की मदद से किसान अपनी उपज बढ़ा सकते हैं और लीची के बागों की उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं।

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