आम के बागों में सूखते पेड़ ने बढाई किसानों की चिंता

नई दिल्ली: इसमें कोई शक नहीं कि आम ‘फलों का राजा’ है, लेकिन आम की खेती करने वाले किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार में आम के कई पुराने पेड़ एक-एक कर सूख रहे हैं जिससे किसान बेहद परेशान हैं। “विल्ट” नाम कि यह बिमारी आम के पेड़ों में बहुत तेज़ी से फैल रहा है जिसके कारण आम के पेड़ तेज़ी से सूख  रहे हैं।

इस बीमारी का कारण एक खतरनाक फफूंद सेराटोसिस्टिस है, जो पेड़ की जड़ों और तने को संक्रमित करता है। पेड़ की पत्तियां मुरझा जाती हैं और टहनियों से जुड़ी रहती हैं, जिससे पेड़ की मौत हो जाती है। आम का यह रोग पहली बार 2018 में उत्तर प्रदेश में देखा गया था और अब यह बीमारी दोनों राज्यों के किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है।

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यह मिट्टी जनित रोगज़नक़ पेड़ों की जड़ों से प्रवेश करता है और धीरे-धीरे पूरे पेड़ को संक्रमित करता है। गंभीर मामलों में पेड़ अचानक सूख जाता है, जबकि हल्के संक्रमण में यह प्रक्रिया धीमी होती है। संक्रमित जड़ें सड़ने लगती हैं और दुर्गंध छोड़ती हैं।

हालांकि अभी तक इस बीमारी के लिए कोई ठोस रणनीति विकसित नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिए हैं। पेड़ों के आसपास पानी जमा न होने दें और फफूंदनाशक “रोको एम” का उपयोग करें। इसे पानी में मिलाकर पेड़ों की जड़ों को अच्छी तरह भिगोने से पेड़ को बचाया जा सकता है।

इस बीमारी से आम का उद्योग काफी प्रभावित हो रहा है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान उम्मीद कर रहे है कि विशेषज्ञ इस बिमारी का जल्द से जल्द कोई समाधान निकालेंगे ताकि  आम के पेड़ को सूखने से रोका जा सके।

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