बेहतर पैदावार के लिए केले के पौधों की खास देखभाल ज़रूरी

हाजीपुर: भारत के किसान अब पारंपरिक खेती से हटकर केले जैसी फसलों पर ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि केले की खेती कम लागत में अच्छी कमाई देती है। केले की अच्छी पैदावार के लिए कुछ खास बातों पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता हैं, जिससे पौधों की देखभाल सही ढंग से हो सके और उपज बढ़ाई जा सके, इससे किसानों को भी अधिक से अधिक लाभ होता है।

जैसे-जैसे केला का पौधा बढ़ता है, उसकी नीचे की पत्तियां सूख जाती हैं, जो फल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन सूखी और बीमार पत्तियों को समय-समय पर तेज चाकू से काट देना चाहिए। इससे पौधों में बीमारियां कम फैलती हैं और हवा तथा रोशनी पौधे के निचले हिस्से तक पहुंचती है, जिससे कीट भी कम होते हैं। केले के पौधे में 13 से 15 स्वस्थ पत्तियां होना पर्याप्त माना जाता है।

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वर्षा ऋतु के बाद केले के पौधों के चारों ओर मिट्टी चढ़ाना जरूरी होता है, क्योंकि बारिश से मिट्टी धुल जाती है और जड़ें बाहर निकल आती हैं, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है। मिट्टी चढ़ाने से जड़ें फिर से ढक जाती हैं और पौधा मजबूत हो जाता है। साथ ही, घास या खरपतवार को हटाना भी जरूरी होता है ताकि पौधे तेज हवा में गिर न जाएं।

तेज हवा भी केले की खेती के लिए बहुत हानिकारक हो सकता  है, खासकर जब गुच्छे (घौद) भारी हो जाते हैं। ऐसे हालत में पौधे को सहारा देना बहुत ज़रूरी है , ताकि पौधा गिर न जाए। सहारा के  लिए बांस या रस्सी का प्रयोग किया जाता है। इन सब बातों के अलावा  जब केले का गुच्छा बड़ा हो जाए तो इस हालत में  उसे पौधे की पत्तियों से ढक देना चाहिए ताकि फसल को तेज धूप से बचाया जा सके और समय पर सही फसल मिल सके।