छत्तीसगढ़ के किसान ने जरबेरा फूलों की खेती से अपनी किस्मत बदली
रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोलिहापुरी गांव के किसान गिरीश देवांगन ने जरबेरा फूलों की खेती कर अपनी किस्मत बदल ली है। अपने पॉली हाउस में विविध रंगों के खूबसूरत जरबेरा फूलों की खेती कर वे सालाना 20 से 25 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं। गिरीश देवांगन ने अपने पॉली हाउस में अंकुर, दून, सिल्वेस्टर, दाना एलन, व्हाइट हाउस और फोब्रस जैसी किस्मों के जरबेरा फूल लगाए हैं। उनकी कमाई को देखकर दूसरे किसान भी फूलों की खेती में खूब रूचि ले रहे हैं।
इन फूलों की रंग-बिरंगी खूबसूरती देखते ही बनती है। ये फूल विभिन्न आयोजनों, शादियों और त्योहारों के लिए बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं। जरबेरा की खेती के लिए गिरीश देवांगन को राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत 30 लाख रुपये से अधिक का अनुदान मिला, जिससे उन्हें खेती में नई तकनीक और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकीं। इसकी वजह से धान या अन्य पारंपरिक फसलों के मुकाबले फूलों की खेती उनके लिए ज्यादा लाभदायक साबित हो रही है।
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जरबेरा की फसल 6 साल तक चलती है, और इसके फूलों की मांग रायपुर, नागपुर और राजनांदगांव जैसी बड़ी मंडियों में हो रही है। इन फूलों की बिक्री 4 से 5 रुपये प्रति स्टिक के हिसाब से होती है। इस खेती ने न सिर्फ गिरीश देवांगन की आय बढ़ाई, बल्कि स्थानीय महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किए हैं। फूलों की पैकेजिंग और सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे फूल लंबे समय तक ताजे बने रहते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं के तहत किसानों को बागवानी फसलों और फ्लोरीकल्चर की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। गिरीश देवांगन जैसे किसान आधुनिक खेती की पद्धतियों को अपनाकर नए आयाम हासिल कर रहे हैं।