फूलों की खेती से बढ़ी छत्तीसगढ़ के किसानों की कमाई

रायपुर: छत्तीसगढ़ के किसान अब पारंपरिक फसलों के अलावा फूलों की खेती पर भी ध्यान दे रहे हैं। इस खेती से किसानों की अच्छी कमाई हो रही है। धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में फूलों की मांग बढ़ रही है, साथ ही दवा, परफ्यूम और कॉस्मेटिक उद्योग में भी फूलों की मांग में बढोत्तरी हो रही है। राजधानी रायपुर और उसके आसपास के कई किसान इस बढ़ती मांग को देखते हुए अब फूलों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

हॉर्टिकल्चर विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कैलाश पैकरा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में फूलों की खेती की संभावनाएं काफी अच्छी हैं। ठंड का मौसम इस खेती के लिए बेहद अनुकूल होता है। किसान गेंदा और रजनीगंधा जैसे फूल खुले में उगा सकते हैं, जबकि गुलाब, केचरोज और जरबेरा जैसे फूलों के लिए पॉली हाउस की जरूरत होती है।

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राज्य के किसान अब दोनों तरीकों से फूलों की खेती कर रहे हैं और इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। राज्य में फूलों की खेती का क्षेत्र भी बढ़कर 350 एकड़ तक पहुंच गया है। शहरों के आसपास के इलाकों में फूलों की खेती अधिक होने लगी है, जिससे किसानों को स्थानीय बाजार में भी बेहतर दाम मिल रहे हैं।

त्योहारों के समय फूलों की मांग और बढ़ जाती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। दीपावली पर गेंदा फूल का भाव 60 रुपये प्रति किलो तक हो जाता है, जबकि गुलाब का एक फूल 8 से 12 रुपये में बिकता है। मौसमी उतार-चढ़ाव के बावजूद, फूलों की खेती से धान के मुकाबले दोगुना मुनाफा मिल रहा है। एक एकड़ में फूलों की खेती से किसान 2.5 से 3 लाख रुपये तक कमा सकते हैं, जबकि धान की खेती से यह आमदनी 60-65 हजार रुपये तक सीमित रहती है।