हिमाचल में अब अमरूद की नई किस्मों की बागवानी
शिमला: हिमाचल सरकार बागवानी छेत्र को बढ़ावा देने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। राज्य में शिवा प्रोजेक्ट के तहत अमरूद की नई किस्मों की खेती की जाएगी, ताकि फलों का अधिक से अधिक उत्पादन किया जा सके। अभी तक राज्य के निचले क्षेत्रों में अमरूद की सिर्फ तीन किस्में – श्वेता, ललित और वीएनआर उगाई जा रही थीं। लेकिन अब इनकी सूची में कुछ और किस्म जैसे अर्का किरन, रशिम, और मृदृला को भी शामिल किया जाएगा।
भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बंगलूरू द्वारा विकसित इन नई किस्मों को हिमाचल की जलवायु के अनुकूल पाया गया है। इसके लिए उद्यान विभाग के अधिकारियों की एक टीम को बंगलूरू भेजा गया था। विशेषज्ञों की राय के बाद यह तय किया गया कि इन किस्मों को राज्य के कम ऊंचाई वाले इलाकों में उगाया जा सकता है।
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नई किस्मों की खासियत यह है कि इन्हें तीन वर्ग मीटर की दूरी पर लगाया जा सकता है और एक हेक्टेयर भूमि में 25 मीट्रिक टन तक उत्पादन संभव है। अर्का किरन और रशिम के अमरूद लाल रंग के होंगे, जबकि मृदृला का अमरूद अंदर से सफेद होगा।
राज्य सरकार एचपी शिवा परियोजना के जरिए राज्य के निचले क्षेत्रों में फल उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। नई किस्मों के शामिल होने से अमरूद की खेती को और अधिक प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ इसके प्रोडक्शन में भी इज़ाफ़ा होगा। यह किसानों की आय बढ़ाने और राज्य को बागवानी में और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस उठाया कदम है।