दिल्ली के ग्रीन कवर में गिरावट, शहरीकरण बना मुख्य कारण

नई दिल्ली: देशभर में वन क्षेत्र बढ़ने की रिपोर्ट सामने आयी है। इन सबके बावजूद, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ग्रीन कवर में गिरावट देखी गई है। संसद में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2021 के बीच दिल्ली का हरित क्षेत्र 0.44 वर्ग किलोमीटर कम हो गया है। इस कमी ने पर्यावरणविदों और नीति निर्माताओं की चिंताएं बढ़ा दी हैं। वैसे ही दिल्ली के लोग प्रदूषण से परेशान हैं, इस बीच ग्रीनरी में कमी एक चिंता का विषय है।

इंडिया स्टेट फॉरेस्ट रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2021 के अनुसार, देशभर में 1,540 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। अब भारत में कुल वन क्षेत्र 7,13,789 वर्ग किलोमीटर हो गया है। यह वृद्धि संरक्षण प्रयासों, पुनर्वनीकरण और वनीकरण पहलों का नतीजा है।

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दिल्ली में हरियाली में आई कमी का मुख्य कारण शहरीकरण और अन्य मानवीय गतिविधियां मानी जा रही हैं। वायु प्रदूषण से निपटने और पर्यावरणीय सुधार के लिए भारी निवेश के बावजूद, हरित क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है।

विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते शहरी दबाव और पर्यावरणीय तनाव ने हरित क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया है। दिल्ली के ग्रीन कवर में गिरावट शहर के पर्यावरण और उसके स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। लोगों को तरह तरह की बीमारी हो रही है।  प्रदूषण से सम्बंधित सांस लेने जैसी शिकायत लोगों के बीच आम हो गयी है, इस दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाना ज़रूरी हो गया है और यही समय की मांग भी  है।