Sunitha Narain

सुनीता नारायण ने INA संगोष्ठी में प्रदूषण और पर्यावरण संरक्षण पर दी महत्वपूर्ण सलाह

नई दिल्ली: भारत की प्रसिद्ध पर्यावरणविद्, सुनीता नारायण ने हाल ही में भारतीय नर्सरीमेन एसोसिएशन (INA) द्वारा आयोजित संगोष्ठी में भाग लिया। इस संगोष्ठी का विषय था “हरित क्रांति और पौधों की परवरिश”, जिसमें पर्यावरण से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई।

सुनीता नारायण ने दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए कहा, “दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया है। शहरी क्षेत्रों के लोगों को ग्रामीण समुदायों से सहयोग करना चाहिए ताकि पराली जलाने जैसी गतिविधियां रोकी जा सकें, जो प्रदूषण को बढ़ाती हैं।”
उन्होंने पौधों की देखभाल को माता-पिता की जिम्मेदारी के रूप में मानते हुए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमें आर्थिक दृष्टिकोण से पेड़ों की कटाई करनी पड़े, तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर पेड़ की कटाई के बदले एक नया पेड़ भी लगाया जाए। सुनीता ने यह भी बताया कि सरकार ने बांस को अब “घास” की श्रेणी में रख दिया है, जिससे बांस को काटकर बेचना आसान हो गया है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

सुनीता नारायणन 1982 से भारत के विज्ञान और पर्यावरण केंद्र से जुड़ी रही हैं, और अब इस केंद्र की निदेशक हैं। वे पर्यावरण संचार समाज (Society for Environmental Communication) की भी निदेशक हैं।

इस संगोष्ठी में कई प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया और पर्यावरण के संरक्षण के महत्व को उजागर किया।