किन्नौर में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान

भावानगर: किन्नौर जिले में सेब उत्पादन को उन्नत तकनीकों और वैज्ञानिक विधियों से बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र किन्नौर ने एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत बागवानों को समशीतोष्ण फल-फसलों के वैज्ञानिक प्रशिक्षण और छंटाई के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

अभियान के तहत शीतकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन जिले के विभिन्न गांवों में किया जाएगा। इस शृंखला का पहला कार्यक्रम निचार खंड के पानवी गांव में आयोजित हुआ। फल विज्ञान के वैज्ञानिक डॉ. अरुण कुमार नेगी ने बागवानों को बताया कि सही प्रशिक्षण और छंटाई न केवल फलों की गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि पेड़ों की आयु बढ़ाती है और बीमारियों की संभावना को भी कम करती है।

उन्होंने समझाया कि गलत तरीकों से छंटाई करने से पेड़ों में अधिक आर्द्रता उत्पन्न होती है, जिससे कैंकर, पत्तों का समय से पहले गिरना और स्कैब जैसी समस्याएं हो सकती हैं। प्रायोगिक प्रदर्शन के दौरान डॉ. नेगी ने कॉलर कट की प्रभावशीलता पर जोर दिया, जो पारंपरिक फ्लश और स्टब कट की तुलना में अधिक लाभदायक है।

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उन्होंने बताया कि पहले बागवान मुख्य रूप से हेडिंग बैक कट का उपयोग करते थे, जिससे अत्यधिक वनस्पति वृद्धि होती थी और फलन कम हो जाता था। अब अधिक बागवान थिनिंग आउट कट को अपनाकर उत्पादकता बढ़ा रहे हैं और कैंकर की घटनाओं को कम कर रहे हैं।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बागवानों ने भाग लिया और नई सीखी गई तकनीकों को अपने बगीचों में अपनाने की प्रतिबद्धता जताई। कृषि विज्ञान केंद्र की इस पहल से उम्मीद है कि किन्नौर जिले में सेब उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा।