जलवायु परिवर्तन से गुठलीदार फलों में समय से पहले फूल आने की संभावना
कुल्लू: इस साल कुल्लू जिले में समय पर बर्फबारी नहीं होने के कारण बागवानी किसान बहुत चिंतित हैं। इतना ही नहीं दिसंबर और जनवरी का महीना भी ऐसे ही गुज़र गया है , फरवरी के पहले सप्ताह में तापमान में भी बढ़ोतरी होने लगा है, जिसका सीधा असर बागवानी के छेत्र पर पड़ रहा है। बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ते तापमान के कारण गुठलीदार फलों, खासकर प्लम और आड़ू में, समय से पहले फूल खिल सकते हैं जो इन फलों के पैदावार के लिए हानिकारक हो सकता है।
बागवानी वैज्ञानिकों का मानना है कि इस साल प्लम के पौधों में लगभग दो सप्ताह पहले ही फूल खिल सकते हैं। निचले क्षेत्रों में प्लम के पौधे पहले ही “ग्रीन टिप” अवस्था में पहुंच चुके हैं। यदि तापमान इसी तरह बढ़ता रहा, तो जल्द ही आड़ू, खुमानी और चेरी के पौधों में भी फूल खिलने लगेंगे।
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डॉ. वाईएस परमार वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, बजौरा के सहायक निदेशक डॉ. भूपेंद्र ठाकुर ने कहा, “सर्दियों में पर्याप्त बर्फबारी न होने से बागवानी को नुकसान हो सकता है। अगर आने वाले सप्ताह में भी बर्फबारी और बारिश नहीं होती, तो गुठलीदार फलों में अर्ली फ्लावरिंग होगी, जिससे पैदावार पर असर पड़ सकता है।”
बागवान पिछले साल की कम बर्फबारी से मिले नुकसान को भूल भी नहीं पाए थे कि इस बार भी मौसम ने उन्हें निराश कर दिया। जिले में करीब 2,500 हेक्टेयर में प्लम की खेती होती है, जिसमें सेंटारोजा, मेरीपोजा, ब्लैक अंबर और फ्रंटियर जैसी किस्में शामिल हैं।
लोकल बागवान मोहर सिंह ठाकुर, बनवारी लाल शर्मा, अनिल राणा, गुरदयाल सिंह और परस राम ने कहा कि इस बार अच्छी बर्फबारी की उम्मीद किया जा रहा था, लेकिन ऐसा न होने के कारण सूखे जैसे हालात हो गए हैं, जिससे गुठलीदार फलों की फ्लावरिंग समय से पहले हो सकती है , जिसका असर उत्पादन पर पडेगा।