कृषकों की समस्याओं के निराकरण के लिये गौतम बुद्ध नगर में आज किसान दिवस का आयोजन

उत्तर प्रदेश में उपलब्ध मक्का, रागी, बाजरा तथा स्थानीय सब्जियों को प्राथमिकता देने के निर्देश

पीएम आवास योजना के तहत आवास प्राप्त करने वाले हर लाभार्थी को सहजन का पेड़ दिया जा रहा

श्री राम शॉ

गौतम बुद्ध नगर/लखनऊ। जिला अधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में उप कृषि निदेशक गौतम बुद्ध नगर ने जनपद के समस्त कृषकों को जानकारी देते हुए बताया कि किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए माह के तृतीय बुधवार (20 सितंबर) को मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया जायेगा।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों का आह्वान किया कि किसान दिवस में निर्धारित तिथि, समय एवं स्थान पर स्वयं उपस्थित होकर किसानों की समस्याओं का समाधान करना सुनिश्चित करें।

Read More: Nat’l Workshop on Agri Marketing Reforms: Whole value chain must be made efficient and wastage must be reduced

155 करोड़ रु की लागत से 1,359 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास

उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण अभियान एक स्वस्थ और समर्थ भारत की नींव रखता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुपोषण के खिलाफ व्यापक अभियान प्रारम्भ करने के लिए पूरे देश को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पोषण माह अभियान को वर्ष 2018 में प्रारम्भ किया था। इस वर्ष यह राष्ट्रीय पोषण माह की 6वीं वर्षगांठ है। विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश में पोषण के क्षेत्र में किए गए कार्यों के अच्छे परिणाम आए हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश ने पोषण के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है।

मुख्यमंत्री ने यहां लोक भवन में राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर 155 करोड़ रुपये की लागत से 1,359 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इनमें 1,209 आंगनबाड़ी केन्द्रों का शिलान्यास तथा 150 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण शामिल है। इस अवसर पर उन्होंने 50 करोड़ रुपये की लागत से 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री जी ने 2 लाख 90 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों एवं सहायिकाओं के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से यूनिफॉर्म (साड़ी) हेतु 29 करोड़ रुपये की धनराशि का अन्तरण भी किया।

Read More:  Revolutionizing Indian Agriculture: Unveiling game-changing initiatives for farmers

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 3 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई तथा 3 बच्चों का अन्नप्राशन किया। उन्होंने सम्भव अभियान के तहत कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आये बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों तथा सहायिकाओं को यूनिफाॅर्म (साड़ी) वितरित की। इस अवसर पर राष्ट्रीय पोषण माह में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों तथा तीव्र कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु चलाये जा रहे सम्भव अभियान पर आधारित 2 लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

उन्होंने कहा कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के वर्ष 2015-16 स्वास्थ्य सम्बन्धी आंकड़ों की तुलना में वर्ष 2019-21 के आंकड़ों के अनुसार बच्चों में एनीमिया के स्तर में 5.1 प्रतिशत, स्टटिंग अर्थात बौनापन में 6.6 प्रतिशत, अल्पवजन में 7.4 प्रतिशत तथा सूखापन मंे 0.6 प्रतिशत का सुधार हुआ है। इसी प्रकार प्रदेश में किशोरी बालिकाओं में एनीमिया की स्थिति में राष्ट्रीय औसत की तुलना में अच्छा सुधार हुआ है। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर तथा मातृत्व मृत्यु दर भी घटी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं। इनमें बाल विकास परियोजना कार्यालयों का शिलान्यास एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। इसके साथ ही, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के बैंक खातों में यूनिफॉर्म के लिए 1 हजार रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की गई है। कुपोषित श्रेणी से सुपोषित श्रेणी में परिवर्तित बच्चों के अभिभावकों का सम्मान के साथ ही, गर्भवती महिलाओं की गोद भराई और बच्चों का अन्नप्राशन भी सम्पन्न हुआ है।

Read More:  Nirmala & Tomar to inaugurate “transformative initiatives” to revolutionize agriculture in country today

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण का कारण समय से पर्याप्त आहार न मिलने, प्रदूषित जल का सेवन तथा प्रदूषित वातावरण है। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियां भी उत्तरदाई होती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से 01 से 15 वर्ष आयु के हजारों बच्चों की मृत्यु होती थीं। प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर तथा अन्तर्विभागीय समन्वय से कार्य किया। परिणामस्वरुप अब इंसेफेलाइटिस बीमारी प्रदेश से पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। इंसेफेलाइटिस के विरुद्ध अभियान देश के बचपन को बचाने और राष्ट्र के भविष्य को संवारने का अभिनव प्रयास था, जिसमें प्रदेश को सफलता प्राप्त हुई।

उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियां बच्चों को अच्छे से प्रशिक्षित करतीं हैं। बच्चे आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों के मार्गदर्शन में जीवन की प्रारम्भिक पाठशाला में प्रशिक्षित होते हैं। उनके सुपोषण की व्यवस्था भी की जाती है। यह कुपोषण से बचाव के साथ ही, बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण होने वाली अन्य बीमारियों से बचाव का बेहतर प्रयास हो सकता है। प्रधानमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों के सम्बन्ध में कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियां वही कार्य करती हैं, जो कभी यशोदा माँ ने किया था। यदि बच्चा सुपोषित और हृष्ट-पुष्ट है तो वह किसी भी बीमारी से लड़ सकता है। इसके लिए एक बड़ा दायित्व आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों पर है। यदि सुपोषित भारत, साक्षर भारत होगा, तो समर्थ और सशक्त भारत स्वयं ही बन जाएगा। सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियां भारत की नींव को मजबूत बनाने का कार्य कर रहीं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह-2023 के अन्तर्गत जिन विभिन्न विषयों का चयन किया गया है, उनमें प्रभावी स्तनपान व सम्पूरक आहार, एनीमिया स्तर में सुधार हेतु परीक्षण, उपचार व संवाद आदि सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय पोषण माह का कार्यक्रम सात अलग-अलग विषयों को लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र, विकासखण्ड, जनपद व प्रदेश स्तर पर स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए तथा पुरस्कार व इन्सेन्टिव की व्यवस्था की जानी चाहिए।

Read More: हर वार्ड, गाँव, पंचायत, नगर पालिका, नगर पंचायत में होंगे 75 पौधारोपण कार्यक्रम : नड्डा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के अन्तर्गत प्रदेश में चार महत्वपूर्ण गतिविधियां तय की गयी हैं। पहला ‘वोकल फाॅर लोकल’ के अन्तर्गत पोषण के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य सामग्री का प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रदेश में उपलब्ध मक्का, रागी, बाजरा तथा स्थानीय सब्जियों को प्राथमिकता दी जाए। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास प्राप्त करने वाले प्रत्येक लाभार्थी को सहजन का पेड़ दिया जा रहा है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। कुपोषित बच्चों, बालिकाओं व धात्री महिलाओं को इसका सूप दिया जाना चाहिए।

दूसरा, ‘सही पोषण देश रोशन’ अभियान से जुड़े हुए स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की जानी चाहिए। इस अभियान में विभिन्न विभागों और सी0एस0आर0 मद का प्रयोग किया जाना चाहिए। बाल पोषण के लिए सीएसआर के माध्यम से सहयोग करने वाली संस्थाओं के साथ संवाद बनाया जाना चाहिए। तीसरा, ‘सुपोषित उत्तर प्रदेश/एनीमिया मुक्त उत्तर प्रदेश’ के लिए बच्चों, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती और धात्री महिलाओं हेतु चिकित्सीय जांच, प्रबन्धन तथा उपचार (टेस्ट-ट्रीट-टॉक) 3-टी पर आधारित शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए।

चैथी गतिविधि ‘स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धा’ के आयोजन की है। यह प्रतिस्पर्धाएं हर स्तर पर होनी चाहिए। गांव में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों में सबसे स्वस्थ बच्चे के माता-पिता को सम्मानित किया जाना चाहिए। इसके बाद न्याय पंचायत तथा विकासखण्ड स्तर पर यह प्रतिस्पर्धाएं होनी चाहिए। इनमें जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से बेटियों के प्रति उपेक्षा के भाव को भी दूर किया जा सकेगा। इनमें शासन की विभिन्न योजनाएं किस प्रकार सहायक हो सकती हैं, यह भी जानकारी दी जानी चाहिए। केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी इन प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर माता-पिता, समाज तथा राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि कुपोषण को दूर करने के लिए कार्य करें। सभी को समान रुप से सहभागी बनना होगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों को स्मार्टफोन उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे सभी गतिविधियों को अपलोड किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में अनेक सुविधाएं दी गई हैं। इनमें बच्चों की लम्बाई मापने के लिए इन्फैन्टोमीटर, ऊंचाई मापने के लिए स्टेडियोमीटर, शिशु का वजन मापने के लिए इन्फेन्ट वेईंग मशीन तथा माँ और बच्चे का वजन लेने हेतु मदर कम चाइल्ड वेईंग स्केल प्रदान किए गए हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों को डाटा प्लान के लिए 2 हजार रुपये और अनुपूरक पोषाहार वितरण एवं पोषण ट्रैकर पर सेवाओं के अंकन के लिए डेढ़ हजार रुपये प्रदान किये जा रहे हैं। यह एक बड़ा अभियान है। प्रदेश में 19 लाख आंगनबाड़ी केन्द्रों का आधारभूत ढांचा है। उनकी आवश्यकताओं का बेसलाइन सर्वे कराकर 18 मूलभूत संकेतकों पर आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के अमृतकाल का यह प्रथम वर्ष है। भारत अनेक उपलब्धियों के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2027 तक भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना है। प्रधानमंत्री जी ने भारतवासियों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है कि जब वर्ष 2047 में देश आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब भारत एक विकसित देश होगा। खुशहाल भारत की नींव विकसित भारत में छिपी हुई है। विकसित भारत के लक्ष्य के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान प्रारम्भ हुआ है। यह हर आंगनबाड़ी केन्द्र में आयोजित होना है।

उन्होंने कहा कि जनजातीय केन्द्रित पोषण अभिमुखीकरण को ध्यान में रखकर हमें शासन की योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के जनजातियों, अति दलितों तथा अति पिछड़े लोगों तक पहुंचाना होगा। कोई भी व्यक्ति, बच्चा या महिला कुपोषित है, तो इसके खिलाफ हम सबको अपने आपको तैयार करना पड़ेगा। यह व्यक्ति की लड़ाई नहीं, बल्कि समाज और देश की लड़ाई बननी चाहिए। इसे जनान्दोलन के रूप में आगे बढ़ना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला स्वयंसेवी समूह आंगनबाड़ी केन्द्रों तक पोषाहार पहुंचा रहीं हैं। अब तक 157 प्लाण्ट क्रियाशील हो चुके हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। इनके बन जाने पर प्रधानमंत्री जी के ‘वोकल फाॅर लोकल’ के विजन को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और स्थानीय स्तर पर गुणवत्तायुक्त पोषाहार उपलब्ध कराने में सफल होंगे। इसमें लगभग 60 हजार महिला स्वयंसेवी समूहों की बहनें भी जुड़ी हैं और स्वावलम्बन के साथ आगे बढ़ रही हैं। प्रदेश में चलाए जा रहे सम्भव कार्यक्रम से डेढ़ करोड़ बच्चों को जोड़ा गया है। इस अभियान के अन्तर्गत लगभग 2 लाख 43 हजार तीव्र कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने विगत 6 वर्षों में अनेक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। प्रदेश ने कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी, शुद्ध पेयजल व स्वच्छता के कार्यक्रमों को अपनाया, जिसके कारण इंसेफेलाइटिस के खिलाफ लड़ाई सफल हुई है। आज इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने की दिशा में प्रदेश ने सफलता पाई है। प्रधानमंत्री जी के राष्ट्रीय पोषण मिशन के विजन ने प्रदेश में बच्चों को कुपोषित से सुपोषित करने, कन्याओं को एनीमिया से मुक्त करने तथा धात्री और गर्भवती महिलाओं को कुपोषित से सुपोषित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय पोषण माह-2023 अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होगा। राष्ट्रीय पोषण माह के अन्तर्गत चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा, इसके बेहतर परिणाम अगले सर्वे में आएंगे।

इस अवसर पर महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में शुरू किये जा रहे कार्याें से महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग कुपोषित महिलाओं तथा बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए संकल्पित है। पोषण अभियान जनान्दोलन बना है। यह विभिन्न विभागों के अन्तरसमन्वय से आयोजित किया जा रहा है।

महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों और सहायिकाओं के कन्धों पर भारत को आत्मनिर्भर बनाने तथा उत्तर प्रदेश को नम्बर वन बनाने की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चलाया जा रहा मिशन शक्ति अभियान महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ माध्यम बना है।