अंतिम सांसे गिन रहे हैं उत्तरी छोटानागपुर में सड़क किनारे लगाए गए मनरेगा के 2100 पौधे

नई दिल्ली। झारखंड सरकार ने बरसात के समय में सड़कों किनारे पौधारोपण का कार्य किया था। सरकार की ओर से पर्यावरण संरंक्षण के लिए प्रदेश में कई सारी योजनाओं पर काम किया जा रहा है। मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार देना था। इसी के तहत कटकमसांडी प्रखंड के कई पंचायतों में सड़कों के दोनों किनारे मनरेगा योजना के तहत पौधारोपण का कार्य किया गया था।

प्रदेश सरकार की ओर से लाखों की योजना से लगाए गए इन पौधों की पांच वर्षों तक देखभाल भी की जानी थी, लेकिन इन सभी पौधे के लिए घेराबंदी तक जरूरी नहीं समझी गई। रोजगार सेवक के लापरवाही के कारण आज पौधे बर्बाद होने के करीब है। न कभी पटवन किया गया। बरसात के बाद लगाए गए लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा पौधे देखभाल एवं पानी के अभाव में नष्ट हो गए।

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इस पूरे मामले पर कटकमसांड़ी के ग्रामीणों एवं कुटरा पंचायत समिति के सदस्य प्रतिनिधि प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मनरेगा के तहत पौधा लगाना केलव दिखावा था। पौधा तो लगाया गया, पर पटवन और दुदाई के अभाव में पौधे नष्ट हो गए।

इस मामले में कटकमसाड़ी के बीपीओ अफरोज अख्तर ने कहा कि मनरेगा के तहत इस वर्ष 21 यूनिट पौधे लगाए गए है। इसमें एक यूनिट में 100 से अधिक पौधे होते हैं। प्रत्येक यूनिट के लिए 2.47 लाख की योजना होती है। इस अनुसार कटकमसांड़ी प्रखंड़ में कुल 51 लाख 87 हजार रुपये की योजना से 2100 पौधे लगाए गए है।

बीपीओ अफरोज अख्तर ने आगे बताया कि पौधा मर जाने के बाद दोबारा पौधा लगाने का प्रवधान है। 5 साल में 2 लाख 47 खर्च करना है। उन्होंने यह भी कहा कि पौधा लगाने के बाद देखभाल के लिए ग्राम सभा के माध्यम से पट्टाधारी का चयन कर जिम्मेदारी दी गई है।

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