Farmers of Haryana are now abandoning traditional farming and farming with new methods. Today we will tell the story of one such farmer,

हरियाणा के किसान ने बागवानी में किया नया प्रयोग, कर रहा हैं बंपर कमाई

नई दिल्ली। हरियाणा के किसान अब परंम्परागत खेती को छोड़कर नए-नए पद्धतियों से खेती कर रहे हैं। आज हम एक ऐसे ही किसान की कहानी बताएंगे, जिन्होंने खेती नया प्रयोग किया और उनका मुनाफा डबल हो गया। हम बात कर रहे हैं प्रगतिशील किसान डॉ. विक्रम सिंधु की, जो हरियाणा के हिसार जिले के खेड़ा गांव के रहने वाले हैं। विक्रम सिंधु काफी दिनों से खेती करते आ रहे हैं। इनके पास चार एकड़ खेत है और साथ ही विक्रम सिंधु ने कुछ जमीन को लीज पर लिया हैं और अमरूद और चीकू की खेती करते हैं।

फलों के खेती के साथ-साथ किसान डॉ. विक्रम सिंधु सब्जियों की भी खेती करते है। यब सभी तरह की बेल वाली सब्जियों को उगाते हैं। जैसे कि- घीया, तोरी, कद्दू और पेठा आदि. इसके अलावा, वह चार एकड़ में आलू की भी खेती करते हैं। किसान डॉ. विक्रम सिंधु ने बताते हैं कि वे फलों और सब्जियों की खेती में किसी तरह के रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल नहीं करके वह जैविक विधि से खेती कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर लेते हैं।

किसान विक्रम सिंधु बताते है कि  जैविक विधि से ज्यादा फलों की पैदावार होती है। इसका फायदा यह होता है कि फसलों को नाइट्रोजन अच्छी मात्रा में मिलता है। जिससे उनकी ग्रोथ भी अच्छी होती है।

हरियाणा के हिसार के रहने वाले किसान बागवानी में सालाना लागत 40 से 50 हजार रुपये तक आ जाती है और मुनाफा 6 से 8 लाख रुपये तक हो जाता। वह अपने बागों के फलों का जूस निकालकर भी बेचते हैं।

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