पुणे की रामवाटिका नर्सरी के फूलों से सजा अयोध्या का राम मंदिर
नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर को जिन फूलों से सजाया गया था, उनका एक बड़ा हिस्सा पुणे की रामवाटिका नर्सरी ने निशुल्क दिया था। पुणे के रामवाटिका नर्सरी ने लगभग 20 प्रकार के फूलों से राम मंदिर और भगवान राम के गर्भगृह को सजाया था। इसके साथ ही प्राणप्रतिष्ठा समारोह में पूजा-अर्चना में जितने भी फूलों का उपयोग प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य यजमानों ने किया, लगभग सभी फूल रामवाटिका नर्सरी ने निशुल्क दिया, यह जानकारी पूणे के रामवाटिका नर्सरी के संचालक बिंटू पवार ‘नर्सरी टुडे’ को दी।
उन्होंने बताया कि उन्हें एक महीने पहले राम जन्मभूमि मंदिर समिति ने एक बैठक कर जिम्मेदारी दी थी। वे बताते हैं, ‘ मैं स्वेच्छा से भगवान की सेवा के लिए निशुल्क सजावट करने के लिए तैयार हुआ।’
रामवाटिका नर्सरी के संचालक बिंटू पवार ने आगे कहा कि, हमें अयोध्या के राम जन्मभूमि से करीब 20 तरह के फूलों की आपूर्ति करने का आदेश मिला था, जिनमें रंग-बिरंगे फूल शामिल थे। फूलों से सजा मंदिर खूबसूरत लग रहा था, मंदिर का एक-एक कोना फूलों से महक उठा था।
निशुल्क किया था सजावट
पवार ने बताया कि श्रीरामलला के प्राणप्रतिष्ठा उत्सव के लिए पुणे की रामवाटिका नर्सरी ने लगभग 50 लाख के आसपास के फूल निशुल्क अयोध्या भेजे थे। ।
‘ मेरा जीवन हुआ सफल’-बिंटू पवार
राम मंदिर के फूलों से सजाने वाली नर्सरी रामवाटिका के संचालक बिंटू पवार ने नर्सरी टुडे को बताया कि मेरा सौभाग्य हैं कि भगवान राम का मंदिर और गर्भगृह के सजावट मैने कराया और इस पुण्य काम का मैं साक्षी बना। इसबीच वे भाव-विभोर होकर कहने लगे इससे मेरा जीवन सफल हो गया, मैं आने वाली पीढ़ी को बताउंगा कि मैं इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बना। बता दें कि अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की गई, जिसमें पुणे के फूलों से गर्भगृह से लेकर पूरे राम मंदिर परिसर की विशेष सज्जा की गई थी।
अल्फा नर्सरी ने किया था डिजाइन
राम जन्मभूमि मंदिर को फूलों से सजाने का काम की डिजाइन नासिक की अल्फा नर्सरी के संचालक सचिन एकनाथ ब्रह्मांकर ने किया था। उन्होंने नर्सरी टुडे से बात करते हुए कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। इस काम में उनके साथी विजय कदम आदि का भी सक्रिय सहयोग रहा ।