One can earn better income by cultivating Malabar Neem.

खेत की बाउंड्री पर लगाएं यह पेड़, तीन साल बाद होगी बंपर कमाई

नई दिल्ली। भारत में  60 प्रतिशत ज्यादा लोग कृषि पर निर्भर रहते हैं। यहां अलग-अलग मौसम में तरह-तरह की खेती की जाती है। लेकिन आज के बदलते समय में किसानों को पारंपरिक खेती करने के साथ-साथ तकनीक की जानकारी भी होना चाहिए। आज नर्सरी टुडे किसानों को एक ऐसी विधि बताने जा रहा है, जिससे  किसान आराम से लाखों रुपये कमा सकते हैं। मालाबार नीम, जिसे अवध की क्षेत्रीय बोली में बकाइन कहते हैं, इसकी व्यावसायिक खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। इसे अच्छी मात्रा में लगाकर किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं।

क्या है मालाबार नीम?

मालाबार नीम एक बहुउपयोगी पेड़ होता है। इसकी लकड़ी माचिस की तीली बनाने के साथ ही कुर्सी-मेज, सोफा आदि में काम आती है। इस पेड़ की लकड़ी बाजार में महंगे दामों पर बिकती है। मालाबार नीम का पेड़ साधारण नीम से थोड़ा अलग होता है।

खेत की बाउंड्री यानी मेड़ पर लगा सकते हैं

मालाबार नीम के पेड़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है।  मालाबार नीम की लकड़ी से माचिस की तीली, कुर्सी-मेज, सोफा बनाया जाता है। यह जानकारी देते हुए एक विशेषज्ञ ने लिखा है कि मालाबार नीम एक ऐसा पेड़ है,  जिसकी लकड़ी काफी महंगे दामों पर बिकती है क्योंकि इसमें कीड़े नहीं लगते हैं। कीड़ों से अप्रभावित होने के कारण इससे बने फर्नीचर की  मांग देश और दुनिया में काफी है। आमतौर पर किसान इसकी खेती में रुचि नहीं लेते, लेकिन उन्हें सलाह दी गई है कि किसान  मालाबार नीम के पेड़ खेत की बाउंड्री पर  लगा सकते हैं। बताया गया है कि इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इससे खेत की फसल का नुकसान नहीं होता है।

1 एकड़ में लगा सकते हैं 1500 पौधे

अगर पारंपरिक खेती के लिए अनुपयुक्त किसी खेत में लगाना चाहें तो एक एकड़ में मालाबार नीम के 1000-1500 पौधे लगाए जा सकते हैं। मालाबार नीम की लकड़ी तीन  साल में कागज और माचिस की तिलियां बनाने के लिए , पांच साल बाद प्लाईवुड और आठ साल बाद इसका इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में किया जा सकता है।