Bihar Agricultural University, Sabour, is promoting farmers to cultivate strawberries. Agricultural University will now provide strawberry

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सस्ते में उपलब्ध कराएगा स्ट्रॉबेरी का पौधा

नई दिल्ली। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर  के किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए प्रोत्साहन दे रहा है। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय अब किसानों को स्ट्रॉबेरी का पौधा उपलब्ध कराएगा। विश्वविद्यालय की इस पहल से राज्य में  स्ट्रॉबेरी की तकनीकी खेती  को बढ़ावा मिलेगा और उत्पादन में इजाफा होगा।  स्ट्रॉबेरी पर शोध कर रही डॉ. रूबी रानी के अनुसार, इस फल का उत्पादन बिहार के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला फसल साबित हो सकता है। उन्होंने प्रदेश के  स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे किसानों से जानकारी साझा की और उन्हें स्ट्रॉबेरी प्लांटिंग मेटेरियल की समस्या से अवगत कराया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय  की स्थापना पांच अगस्त, 2010 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत की गई थी और यह बिहार प्रदेश के  भागलपुर के सबौर में स्थित है।

स्ट्रॉबेरी के पौधे को लेकर चल रहा है शोध

स्ट्रॉबेरी का पौधा पुणे, महाबलेश्वर और हिमाचल प्रदेश से लाया जाता है। कृषि विश्वविद्यालय अब खुद अपना पौधा तैयार करने के लिए स्ट्रॉबेरी पर शोध कर रहा है। जल्द ही कृषि विश्वविद्यालय स्ट्रॉबेरी के पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराएगा । बिहार कृषि विश्वविद्यालय  के शोध उपनिदेशक डॉ. शैलबाला देई के अनुसार, स्ट्रॉबेरी पर शोध के जरिए किसानों की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही इस काम को पूरा कर प्रदेश के किसानों को स्ट्रॉबेरी का पौधा उचित दाम पर उपलब्ध कराया जाएगा।