टमाटर की अच्छी पैदावार चाहते हैं, तो अपनाइए ये बेहतर तरीके
नई दिल्ली। टमाटर की खेती से आप बेहतर कमाई करना चाहते है, तो आपको कई सारी बातों का ध्यान रखना होगा। इसकी खेती आजकल साल भर हो रही है। आमतौर पर टमाटर लगाने के लिए दो सीजन बेहतर माना जाता है। पहला जुलाई-अगस्त से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक चलता है और दूसरा नवंबर-दिसंबर से शुरू होकर जून-जुलाई तक चलता है।
अगर आप टमाटर की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले बीजों से नर्सरी तैयार करनी होगी। एक महीने बाद नर्सरी के पौधे खेतों में लगाने लायक हो जाते हैं। वहीं, एक हेक्टेयर खेत में करीब 15,000 पौधे लगाए जा सकते हैं। पौधे खेतों में लगाने के लगभग तीन माह में तैयार हो जाते हैं और फल देने लगते हैं। टमाटर के फसल की देखरेख सही समय पर की जाए तो यह 10 महीने तक फल देता है।
मिट्टी परीक्षण है बेहद जरूरी
टमाटर के पौधों में खाद डालने से पहले, मिट्टी का परीक्षण जरुरी होता है। किसान अपने नजदीकी मृदा परीक्षण केंद्र में मिट्टी का परीक्षण करवा सकते हैं या किट लाकर स्वयं कर सकते हैं। इससे किसानों को जानकारी मिल जाती है कि उनके खेत के लिए कौन सी खाद लाभकारी हो सकती है। क्योंकि हर स्थान की मिट्टी थोड़ी अलग होती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, टमाटर के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.2 से 6.8 के बीच होना अच्छा माना जाता है। इतने पीएच मान की मिट्टी में टमाटर की पैदावार बेहतर होती है। मिट्टी जांच के बाद पोषक तत्वों की जानकारी मिल जाती है, तो किसान को देखभाल में सुविधा हो जाती है।
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खाद डालते समय रखें ध्यान
छोटे पौधे में खाद नहीं डालना चाहिए, क्योंकि इस समय पौधा अपने प्रारंभिक उम्र में होता है। उन्हें जल्द ही अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए इस अवस्था में उर्वरक डालने में सावधानी बरतें। ये कोमल पौधे बहुत अधिक खाद से जल सकते हैं।