केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान श्रीनगर में फलों की खेती के लिए बैठक आयोजीत
नई दिल्ली। श्रीनगर के केद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान में बागवानी विकास के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वर्ल्ड इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा कि बागावनी करने वाले किसानों को तभी समृद्ध बनाया जा सकता है, जब उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जाए।इसके लिए सहकारिता मंत्रालय अब किसानों को सीधे एक्सपोर्ट से जोड़ने के लिए कंपनी बनाकर काम कर रहा है। इसके परिणाम कुछ साल में देखने को मिलेंगे. यह कोशिश भारतीय कृषि की तस्वीर बदलकर रख देगी।
सीआईटीएच के डायरेक्टर डॉ एमके वर्मा ने कहा कि अखरोट और सेब जैसे फसल का उत्पादन पहले कम होता था, लेकिन अभी भारत सेब और अखरोट उत्पादन में कई देशों को आगे छोड़ रहा है। देश में कई किस्में और तकनीक उपलब्ध हैं कि स्विट्जरलैंड जैसे देशों की तरह उत्पादकता ले सकते हैं।
इस अवसर पर केद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान के अधिकारी ने कहा कि हिमालय क्षेत्र में सहकारी समितियां सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में काम करेंगी ताकि बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों की तरक्की हो सके। बागवानी फसलों को बाजार से कैसे जोड़ा जाए और इसके लिए नीति बनाई जाएगी। बागवानी फसलों पर फोकस कर उत्पादन कर बड़े शहरों में उसे भेजने की व्यवस्था करनी होगी।