It is a horticultural crop in monsoon season. To get good yield, manure and fertilizer should be given regularly.

मौसंबी की बागवानी से किसान को मिलेगा बेहतर मुनाफा

नई दिल्ली।बदलते समय में किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर अलग-अलग प्रकार की खेती कर रहे हैं। जिनमें किसानों का फलों की खेती की तरफ रूझान बढ़ा है। अब किसान अलग-अलग फलों की खेती कर रहे हैं। किसान अब विभिन्य प्रकार के फलों की खेती करना शुरू कर दिए हैं। इसी तरह एक फल है मौसंबी जिसकी खेती कर काफी मुनाफा कमाया जा सकता हैं। आज नर्सरी टुडे आपको बताने जा रहा है कि आप मौसंबी की खेती कैसे कर सकते हैं।

दोमद मिट्टी है उपयुक्त

मौसंबी की खेती करने के लिए दोमट मिट्टी सही रहती है। जिसमें उचित जल निकासी होनी चाहिए। इसकी खेती के लिए जमीन 1.5 से 2 मीटर गहराई वाली सही रहती है। इसके लिए मिट्टी 5.5 से 7.5 P.H. मान वाली होनी चाहिए। वैसे मौसंबी की खेती गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसम में की जा सकती हैं।

उन्नत किस्में

मौसंबी के विभिन्य प्रकार के किस्में है।  लेकिन व्यवसायिक दृष्टी से मौसंबी की खेती या बागवानी हेतु कुछ ही उन्नतशील और संकर किस्मों को उपयोग में लाया जाता है, जैसे- वाशींगटन नॅव्हेल, जाफा, सतगुडी, कॅलेन्शीया, न्यूसेलर, काटोलगोल्ड आदि प्रमुख है।

उर्वरक

मौसंबी में बागवानी फसल है। अच्छी उपज लेने के लिए नियमीत रूप से खाद और उर्वरक देना चाहिए। जिससे पौधे का विकास अच्छी तरह हो और अच्छी गुणवत्ता के फल प्राप्त हो मौसंबी के पौधे को प्रथम वर्ष 10 किलो गोबर कि खाद, 1 किलो निम कि खाद, नाइट्रोजन 100 ग्राम, फास्फोरस 150 ग्राम, पोटाश 150 ग्राम देना चाहिए।मौसंबी के खेत में लगाए गए पौधों को स्थिर होने में 2 महीने का समय लग जाता है। मौसंबी के पौधों की नियमित सिंचाई करनी चाहिए।

मौसमी के पेड़ रोपाई के 3 वर्ष बाद फल देने लगता है।  चार वर्ष के एक पौधे में 50 किलो के आसपास फल निकलता है। अगर आपने अपने खेत में 100 पेड़ भी लगाए है, तो आपको 50 क्विंटल की उपज मिल जाएगी, मौसंबी का बाज़ार में कीमत 30 रूपए से 60 रूपए प्रति किलो होता है।