इस पेड़ की बागवानी से होगा बेहतर मुनाफा
नई दिल्ली। आज के बदलते समय में किसान बेहतर कमाई करने के लिए परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी कर रहे हैं। अगर आप भी खेती किसानी करना चाहते है तो आप सहजन की खेती कर सकते हैं। क्योंकि इस पौधे की पत्तियां, बीज और तना समेत सब बिक जाती है। आईसीएआर के अनुसार सहजन के पेड़ से साल में 2 बार फसल तोड़ा जा सकता है। दो बार फसल देने वाली प्रजातियों में रोहित 1, धनराज, केएम 1, पीकेएम 2 और पीकेएम-1, ओडिसी और भाग्या शामिल हैं।
कैसे करें खेती
सहजन की बागवानी लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जाती है। लेकिन काली मिट्टी, बलुई जिसका पी.एच. 6.5 से 8.0 हो और उचित जल निकासी वाली मिट्टी ज्यादा बेहतर मानी जाती है। सहजन के पौधे को आप नर्सरी में तैयार कर सकते है। कुछ लोग बीज तो कुछ लोग कलम विधि से तैयार करते हैं। सहजन लगाते समय एक पौधे में 500 ग्राम सड़ी गोबर की खाद और 250 ग्राम नीम खली प्रति पौधा रोपते समय देना चाहिए। इसमें लगभग 75 दिन लगाने के बाद जब फूल आने लगे तो प्रति पौधा 44 ग्राम नाइट्रोजन देना चाहिए।
बाजार में हमेशा रहती है मांग
सहजन की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम और आयरन जैसे मैक्रोन्यूट्रिएंट पाए जाते हैं। यह अनेक बीमारियों को रोकता हैं। जिसके कारण इसे चमत्कारी पेड़’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका वर्णन आयुर्वेद में भी मिलता है। सहजन में भुजा पिल्लू नामक कीट लगता है जो पत्तियों को खा जाता हैं और आसपास के पेड़ के ऊपर भी तेजी से फैलते हैं। कीटनासक के छिड़काव से कीट को नियंत्रण किया जाता है।
बेहतर होगी कमाई
सहजन का एक पेड़ से 40-50 किग्रा उपज देता है। अगर किसान सहजन को 3×3 मीटर की दूसरी पर लगाते हैं तो प्रति वर्ष कम से कम 20-25 टन प्रति हेक्टेयर उपज मिल सकती है। जिससे कई लाख तक कमाई कर सकते हैं। कई सारे रोगों में इसके उपयोग के कारण बाजार में इसकी मांग साल भर बनी रहती है। मार्च-अप्रैल में इसकी मांग 60 रुपए प्रति किलो तो अन्य समय में इसकी माग 100 रुपए पहुंच जाती है।