भुसावर में किसान पपीते की बागवानी कर रहे हैं
नई दिल्ली। राज्यस्थान के भुसावर में किसान पपीते की बागवानी कर रहे हैं। पपीता एक प्रकार का बागवानी फसल जो एक बार लगाने के बाद चार सालों तक फल देता है। इसमें कम खर्च एवं कम मेहनत में अच्छी कमाई के अवसर मिल रहे हैं। यहां का पपीता लाल रंग का और मीठा होने की वजह से दिल्ली, जयपुर, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर व मध्यप्रदेश तक जाता है।पपीते की खेती करने के लिए नर्सरी में पौध तैयार की जाती है। एक हेक्टेयर में लगभग 500 ग्राम बीज पर्याप्त होते हैं। जब तक पौधे अच्छी तरह पनप न जाएं, तब तक रोजाना दोपहर बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। पपीते को रोगों से बचाने के लिए नीम के तेल में 0.5 मिली प्रति लीटर स्टीकर मिलाकर एक-एक महीने के अंतर पर छिड़काव बेहतर होगा। पपीते की पांच ऐसी किस्में होती हैं, जिनसे अच्छी मात्रा में उत्पादन और मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। वह किस्में हैं, पूसा जायंट, अर्का प्रभात, सूर्या, पूसा डिलिशियस, पूसा ड्वार्फ।