In changing times, farmers are abandoning grain cultivation and taking up horticulture

आम की बागवानी के असरदार तकनीक

नई दिल्ली। बदलते समय में किसान अनाज की खेती को छोड़कर बागवानी कर रहे हैं। जिसमें आम, अनार, सेब के अलावा कई सारे फलों की बागवावी शामिल है। अगर आप भी आम की बागवानी करना चाहते हैं, तो आज नर्सरी टुडे आपको बताने वाला है कि आप कैसे आम की बागवानी कर सकते हैं।

आम की बागवानी करने से पहले आपको कई सारे बातों की ध्यान रखना होता है। सबसे पहले आम की बेहतर किस्म की जानकारी लेना बहुत जरूरी है। आजकल आम की कई किस्में है जो स्वाद में काफी मीठा होता है। मालदह आम को स्वाद में सभी आमों का राजा माना गया है।

मिट्टी की चुनाव

आम की बागवानी करीब-करीब सभी प्रकार की मिट्टी में होती है। इसे कंकरीली, पथरीली, बलुई, क्षारीय एवं जल जमाव वाली भूमि का चयन नहीं करना चाहिए। इसके लिए दोमट एवं गहरी भूमि जिसका पी.एच. मान 5.5 से 7.5 के मध्य हो उपयुक्त मानी जाती है।

पौध रोपण

उच्च गुणवत्ता वाले पौधे को जुलाई के मध्य तक तैयार गड्ढों में सावधानीपूर्वक लगा देते हैं एवं उसके चारो तरफ के मिट्टी को अच्छी तरह दबा देते हैं। पौधा लगाने के तुरंत बाद सिंचाई करना चाहिए। आम मई में तैयार हो जाती है जो अगस्त-सितंबर तक चलती है। क्षेत्रों के हिसाब से आमों की वेरायटी होती है जिसके स्वाद का लोग आनंद उठाते हैं।

आम की  वेरायटी

आम के 100 वेरायटी पाई जाती है। इसमें तरह-तरह के आम देखे जा सकते हैं। जिसमें चौसा, दशहरी, मालदा आम प्रमुख है तो हरियाणा में चौसा, दशहरी, लंगड़ा और फाजिल आम का उत्पादन अधिक होता है।आम के पेड़ों को कम पानी की आवश्यकता होती है। आम की खेती के पहले वर्ष में दो से तीन दिनों के अंतराल पर आम के खेत की सिंचाई करनी चाहिए। फल देने वाले पौधे को 10-15 दिन के अंतराल पर पानी ज़रूर दें