A horticulture cluster will be developed to empower farmers in Purnia, Bihar

बिहार के पूर्णिया में किसानों को सशक्त बनाने के लिए किया जाएगा हॉर्टीकल्चर का कलस्टर डेवलप

नई दिल्ली। बिहार के सीमांचल क्षेत्रों के किसानों और बागवानी करने वालों को सशक्त करने के लिए हार्टीकल्चर का कलस्टर बनाया जा रहा है। अररिया के शिवपुरी में मूंगफली तो कटिहार में सेब की खेती हो रही है। पूर्णिया जिला हार्टीकल्चर के मामले में नजीर पेश करने वाला है। पूर्णिया पूर्व प्रखंड एवं बनमनखी में फ्लावर का कलस्टर तैयार किया गया है। यहां करीब 10 एकड़ में गेंदा फूल की खेती की गयी है। इस व्यवसाय से बंगाल से आए हुए लोग जुड़े हुए हैं। इसी तरह रूपौली में ड्रैगन फ्रूट तो धमदाहा में स्ट्राबेरी कलस्टर तैयार किया जा रहा है। श्रीनगर प्रखंड में मधुमक्खी पालकों को देखते हुए यहां हनी कलस्टर तो बैसा में मशरूम कलस्टर तैयार हो रहा है। हार्टीकल्चर की ओर रुख करने से जहां किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी वहीं कई महिलाएं भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए परिवार की आजीविका को सशक्त बना रही हैं।

एग्री अस्मिता के तहत जिलाधिकारी किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही अधिक से अधिक संख्या में युवाओं को हार्टीकल्चर से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। कृषि व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण तथा पुराना तरीका होने के बाद भी उपेक्षित है तथा समाज में इसको सफल व्यवसाय के रूप में अभी भी स्वीकार्यता का अभाव है। जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार के मुताबिक हार्टीकल्चर को लेकर क्लस्टर चिन्हित किया गया है। क्लस्टर होने से कृषि उत्पादकों के उत्पाद को अच्छा बाजार उपलब्ध कराया जा सकता है। इसमें अच्छा कार्य किया जाएगा तो इसका व्यापक असर समाज पर पड़ेगा और समाज में जीवन स्तर में बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश ऐसी है कि अगर कहीं फूल की खेती होती है तो उसे लोग फ्लावर विलेज के तौर पर जानें।

जिला बागवानी पदाधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि पूर्णिया जिले में किसान हार्टीकल्चर से जुड़ रहे हैं। बनाना, ड्रैगन फ्रूट, मशरूम, ड्रैगन पपीता तथा स्ट्रॉबेरी कलस्टर तैयार किया जा रहा है। इसको लेकर सरकार के द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न सब्सिडी के बारे में भी जानकारी दी गई। मधु उत्पादकों के समूह बनाने की दिशा में भी कार्य चल रहा है। श्रीनगर में हनी कलस्टर तैयार किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी द्वारा ऑर्गेनिक सब्जी एवं फल उत्पादन करने वाले किसानो का समूह बनाए जाने का भी निर्देश दिया गया है। औषधीय तथा सुगंधित पौधो के उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जा रहा है।

एक जिला एक उत्पाद के तहत बंबू आर्किटेक्ट को बढ़ावा देने की कोशिश जारी है। बंबू से कई तरह के डिजाइनर साजोसामान तैयार हो रहे हैं। पूर्णिया में बंबू के डिजाइनर बोतल से लेकर सोफा तक तैयार हो रहे हैं। उद्योग विभाग के सहयोग से सत्यम सुंदरम नामक युवक ने इस बिजनेस को यहां स्थापित किया है। पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर एक जिला एक उत्पादन के तहत बंबू के साजोसामान का एक स्टाल भी लगाया गया है। बंबू के डिजाइनदार साजोसामान लोगों के घरों की शोभा बन रहा है। जिलाधिकारी के मुताबिक आने वाले समय में और कई उत्पाद को प्रमोट किया जाएगा।