सर्दियों में फलदार पौधों को कोहरे से बचाने के लिए किसानों को दिया गया परामर्श

नई दिल्ली।   हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में बागवानी विभाग ने आंवला और नींबू के अलावा आम, लीची, पपीता और अमरूद के फलों के पौधों को सर्दियों में कोहरे से बचाने के लिए आग्राह किया हैं। हमीरपुर जिले के बागवानी निदेशक राजेश्वर परमार ने  कहा कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में काफी ठंड़ बढ़ गयी है। जिसके कारण पेड़- पौधों को ठंड़ से बचाने की जरूरत है।

Read More: रायबरेली के किसान शेखर त्रिपाठी ने पेश की नई मिसाल, सिंचाई करने से बंजर भूमि भी उगल रही है सोना

बागवानी निदेशक राजेश्वर परमार ने एक सरकारी बयान जारी करते हुए कहा कि फलों के पौधे, विशेष रूप से आम, पपीता, और लीची, कोहरे के कारण प्रभावित होते हैं। कोहरा हवा में नमी को कम करता है। उन्होंने कहा कि ठंड के कारण, पौधे की कोशिकाएं फट जाती हैं, और उपज प्रभावित होती है। कोहरे का प्रभाव आम और पपीता जैसे पौधों पर अधिक पड़ता है। परमार ने आगे कहा कि 4-5 साल पुराने पौधों को घास से ढंका जा सकता क्योंकि यह कोहरे को सहन करने की क्षमता बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की मौसम-आधारित फसल बीमा योजना के तहत किसानों को अपने फल और पौधों का बीमा कराना चाहिए।

ठंड़ में पौधे नहीं करते हैं विकास

सर्दियों के मौसम में बहुत सारी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। गार्डन के पौधों का मर जाना। सर्दियों का समय ऐसा होता है जब गार्डन में मौजूद अधिकतर पौधे मरने लगते हैं। भले ही फूलों के पौधे हों या फिर शो वाले, लेकिन सर्दियों का समय उनके लिए अच्छा नहीं होता।आपको बता दें कि ठंड के मौसम के कारण पेड़ पौधों का विकास बंद हो जाता है। आम, लीची, पपीता जैसे फलों के पौधे ठंड़ को सहन करने में असमर्थ हो जाते है। जिसके कारण वे सर्दियों में विकास नहीं कर पाते है। इसलिए पौधों को सर्दियों में विशेष ध्यान रखना पड़ता है।

Read More: हिमाचल के किसान रामपाल ने 5 फीट लंबी मूली उगाकर पेश की मिसाल