नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश बिजनौर जिले के राहुल नाम एक किसान पहले सेना में नौकरी करता था। जो 2020 में रिटायरमेंट होकर अपने घर वापस लौटा। उस दौरान जब राहुल को पता चला की उसके माता- पिता कैंसर से पीड़ित है तो उसने उसी समय सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया। राहुल बताते हैं वापस घर आकर वह सेवा करने लगे। और घर आकर माता-पिता की सेवा करने लगे। जैविक खेती से हर महीने 50000 रुपये भी कमा रहे हैं। कमाई के साथ-साथ राहुल देश के अलग-अलग जगह पर जाकर किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।
राहुल आसपास के किसानों को जैविक खेती करने के लिए बढ़ावा भी दे रहे हैं। राहुल के अनुसार किसान अधिक मात्रा में उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है और आज किसान सिंचाई के लिए नदी के पानी का उपयोग करते हैं। यह प्रदूषित पानी सब्जियों के पौधों और फसलों द्वारा सोख लिया जाता है और अंत में ये सब्जियां और फसलें हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं। वे आसपास के किसानों को भी जैविक तरीके से खेती करने की सलाह देते हैं।
राहुल 3 एकड़ जमीन पर 3500 केले के पौधे लगाए हैं और 5 एकड़ जमीन पर जैविक तरीके से गन्ना भी उगाया है। केले का प्रत्येक पौधा एक सीजन में लगभग 24 किलो केला देता है। आज जब राहुल से पूछा गया कि क्या जैविक तरीके से केला उगाना आर्थिक रूप से फायदेमंद है या नहीं? राहुल ने बताया कि वह जैविक केले बेचकर प्रति माह 50 से 55 हजार रुपये कमा लेते हैं।