भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच बागवानी के क्षेत्र में बढ़ेगा सहयोग
करनाल: वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया ) का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय (एमएचयू), करनाल में कुलपति, वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों से मुलाकात किया और शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए विचार विमर्श भी किया। इस अवसर पर एमएचयू के कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के निदेशक प्रो. इयान एडरसन और उनके साथियों का स्वागत किया।
प्रतिनिधियों ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में बागवानी के क्षेत्र में अपार संभावनाओं के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी हैं। एमएचयू करनाल और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के बीच हाल ही में दोहरी डिग्री और एक साथ अनुसंधान को लेकर एक करार हुआ था। इस समझौते से दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र एक-दूसरे के देश में जाकर पढ़ाई और शोध कार्य कर सकेंगे।
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प्रो. एडरसन ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या कम है, लेकिन वहां के किसान बागवानी के उन्नत तरीकों से अपनी जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ अन्य देशों को भी सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने एमएचयू के कुलपति को बताया कि किस तरह ऑस्ट्रेलिया में बागवानी को किसानों के लिए लाभकारी बनाया गया है।
प्रतिनिधिमंडल ने एमएचयू के विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों के साथ अपने विचार साझा किए। विद्यार्थियों ने दोहरी डिग्री कार्यक्रम, दाखिला प्रक्रिया, छात्रवृत्ति, डिग्री की मान्यता, इंटर्नशिप, कृषि उद्योग, स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप जैसे विषयों पर सवाल पूछे। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने अंजनथली में स्थित एमएचयू के बागवानी महाविद्यालय का दौरा किया।
इस समझौते से दोनों देशों के बीच बागवानी के क्षेत्र में कई संभावनाओं के दरवाज़े खुल जाएंगे जिससे विद्यार्थियों को शोध कार्य का बेहतरीन अवसर मिलेगा।