AI-DISC: किसान स्वयं बनेंगे फसलों के डॉक्टर
बीते कुछ सालों में खेती को घाटे का सौदा बनाने में फसल रोगों के प्रकोप ने अहम भूमिका निभाई है। अत्याधुनिक तकनीक की मदद से किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए एआई का सहारा लिया गया है। आईसीएआर के दिल्ली स्थित भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान (आईएएसआरआई) ने एआई आधारित एक ऐसा मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिसकी मदद से किसान खुद अपनी फसलों के डॉक्टर बन सकेंगे। इसे ‘फसलों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित रोग पहचान तंत्र’ यानी AI-DISC नाम दिया गया है। इसका पूरा नाम ‘डिजीज आइडेंटिफिकेशन सिस्टम फॉर क्रॉप्स’ है। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह ऐप किसानों को एआई की मदद से फसलों के रोग पहचानने और तत्काल इनका इलाज करने में सक्षम बनाएगा।
6 स्टेप में होगा फसल रोग का इलाज
इस ऐप को खेती में डिजिटल सेवाओं से जुड़े ऑनलाइन प्लेटफार्म ‘कृषि मेघ’ और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा से संबंधित डिजिटल प्लेटफार्म एनआईबीपी द्वारा संचालित किया जाएगा। आईसीएआर की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस ऐप के जरिए किसानों के लिए फसल रोगों की पहचान करना बहुत आसान होगा। इसमें सबसे पहले किसानों को अपने स्मार्ट फोन पर गूगल प्ले स्टोर से एआई डिस्क ऐप को डाउनलोड कर इंस्टॉल करना होगा। दूसरे स्टेप में किसान को इस ऐप पर खुद को रजिस्टर कर लॉगइन करना होगा। इसके बाद ऐप पर फसलों के विकल्प की सूची खुल जाएगी। इस सूची में से किसान को रोग की आशंका वाली फसल का चयन करना होगा।
चौथे स्टेप में किसान को मोबाइल फोन के कैमरे से अपने खेत में खड़ी फसल की फोटो लेकर अपलोड करनी होगी। फोटो अपलोड होने के बाद ऐप द्वारा रोग की पहचान से जुड़ी रिपोर्ट स्क्रीन पर दर्ज हो जाएगी। छठे स्टेप में फसल में लगे रोग का इलाज एवं उससे जुड़े अन्य रोगों के प्रबंधन के उपाय सुझाए जाएंगे। इनका पालन कर किसान अपनी फसलों को रोग मुक्त बना सकेंगे।
ऐप की विशेषताएं
यह ऐप पूरे देश में होने वाले फसल रोगों से जुड़ी उन सभी संभावित तस्वीरों से लैस है, जिन्हें आईएएसआरआई के डिजिटल डाटा बैंक द्वारा संग्रहित किया गया है। यह ऐप एआई की मदद से किसान द्वारा अपलोड की गई तस्वीर का डाटा बैंक से मिलान कर रोग के इलाज से किसानों को अवगत कराता है।
यह ऐप फसल सुरक्षा के मुद्दे पर विशेषज्ञों के साथ किसानों को चर्चा करने की सुविधा भी प्रदान करता है। इसके तहत ऐप पर एक डिजिटल मंच मुहैया कराया गया है, जिसके माध्यम से किसान विशेषज्ञों से फसल सुरक्षा के मुद्दे पर रूबरू भी हो सकते हैं। देश के अग्रणी कृषि शिक्षा संस्थानों को भी इस मंच के जरिए ऐप से जोड़ा गया है, जिससे इन संस्थानों के शोध कार्यों से किसानों को भी अवगत कराया जा सके।
किसानों के सुझावों की होगी समीक्षा
एआई डिस्क ऐप के जरिए किसान भी फसल रोग एवं सुरक्षा के मुद्दों पर अपने सुझाव दे सकेंगे। कृषि विशेषज्ञ किसानों के सुझावों की समीक्षा कर उनकी जरूरत के हिसाब से नई कृषि तकनीकों पर काम कर सकेंगे। इसका मकसद अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों की मांग के मुताबिक कृषि तकनीक का विकास करना है। आईसीएआर का दावा है कि इस ऐप का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इतना ही नहीं, इसके इस्तेमाल में किसानों को यदि कोई परेशानी होती है तो उसका भी समाधान करने की सुविधा इसमें दी गई है।