बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए ₹1.27 लाख करोड़ का आवंटन
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया। पेश हुए बजट के केंद्र में इस बार गरीब, युवा, महिला और किसान रहे। बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए ₹1.27 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों से पहले पेश हुए अंतरिम बजट में सरकार ने ग्रामीण विकास पर जोर दिया है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि किसान हमारे ‘अन्नदाता’ हैं। पीएम-किसान सम्मान योजना के अंतर्गत हर वर्ष सीमांत और छोटे किसानों सहित 11.8 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा प्रदान किया गया है। अनेक दूसरे कार्यक्रमों के अलावा इन उपायों से ‘अन्नदाता’ को देश और पूरी दुनिया के लिए अन्न पैदा करने में सहायता दी जा रही है।
इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत कर दिया है और इसमें 3 लाख करोड़ रुपये मूल्य का कारोबार हो रहा है और 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं मिल रही हैं।
कृषि-क्षेत्र समावेशी, संतुलित, उच्चतर संवृद्धि और उत्पादकता की ओर अग्रसर है। इन्हें कृषक-केंद्रित नीतियां लाकर, किसानों को उनके आय अर्जन में सहायता देकर, कीमत और बीमा के माध्यम से जोखिम कवरेज देकर, स्टार्ट-अप के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचारों को बढ़ावा देकर सुगम किया गया है।
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कृषि क्षेत्र के लिए अहम घोषणाएं:
सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी।
सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-डीएपी के इस्तेमाल का विस्तार किया जाएगा।
तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए ‘आत्मनिर्भर तिलहन अभियान’ शुरू किया जाएगा।
डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा।
जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात दोगुना करने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा। पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित किए जाएंगे।
बजट में क्या-क्या हुए ऐलान ?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सात प्राथमिकताएं गिनाई थीं। पहली प्राथमिकता के रूप में किसान, महिला, ओबीसी, एससी-एसटी, दिव्यांगजन, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को तक समग्र विकास पहुंचाने की बात कही गई।
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