आंवले की बागवानी: किसानों के लिए अतिरिक्त आय का बेहतरीन स्रोत

मधुबनी: किसान अगर  सही फसल का चयन करें तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।  आंवले की बागवानी किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।इसकी खेती से सिर्फ फल नहीं मिलती है, इसकी लकड़ी भी अच्छे दामों पर बिकती है, जो किसानों के लिए अतिरिक्त आय प्रदान करती है। किसान एक बार आंवले के पौधे लगाने के बाद उससे  अगले 30-35 वर्षों तक फल पा  सकते हैं।

आंवले की बागवानी की एक विशेष बात यह है कि इसके  लिए बहुत ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती। मात्र 14-15 कट्ठे में 50 आंवले के पौधे लगाकर किसान अच्छी पैदावार कर  सकते हैं। आंवले का पौधा लगाने के बाद पांच वर्षों के अंदर ही यह फल  देना शुरू कर देता है, और एक पेड़ से सालाना एक क्विंटल तक आंवला प्राप्त किया जा सकता है। यूँ तो आंवला सालो भर बिकता है लेकिन अक्टूबर से दिसंबर के बीच आंवला बाजार में प्रचुर मात्रा में बिकने लगता  है।

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आंवला पोषक तत्वों से भरपूर है, और इसकी मांग बाजार में सालभर बनी रहती है। आयुर्वेदिक दवाइयों से लेकर औद्योगिक उत्पादों तक आंवला का उपयोग होता है। इसके स्वास्थ्य लाभ भी व्यापक रूप से जाने जाते हैं। आंवले के फल के साथ-साथ इसकी लकड़ी भी महत्वपूर्ण होती है। जैसे-जैसे पेड़ पुराना होता है, उसकी लकड़ी का मूल्य बढ़ता है, जो फर्नीचर, दरवाजे और निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होती है।

आंवले की बागवानी से किसान लम्बे समय तक कमाई कर सकते हैं। इसके फल से हर साल कमाई के साथ इसकी लकड़ी की बिक्री से किसानों को अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है । इस तरह आंवले की खेती किसानों की आर्थिक स्तिथि को सुधारने के लिए एक वरदान से काम नहीं है।