आत्माराम आधुनिक खेती से कर रहे हैं करोड़ों की कमाई

बीकानेर: राजस्थान के बीकानेर जिले के किसान आत्माराम बिश्नोई ने कृषि के छेत्र में नया अध्याय जोड़ दिया है। 2012 में एक एकड़ से प्रोटेक्टेड फार्मिंग की शुरुआत करने वाले आत्माराम आज अपने 10 एकड़ भूमि पर  आधुनिक खेती कर के मोटी कमाई कर रहे हैं। वे परंपरागत और आधुनिक दोनों के मेल से खेती करते हैं, यही कारण है की उनका वार्षिक  टर्नओवर 1 करोड़ से अधिक का हो चुका है।

संरक्षित खेती एक ऐसी तकनीक है, जिसमें ग्रीनहाउस, शेडनेट जैसी संरचनाओं का उपयोग कर पौधों को बाहरी मौसम से बचाया जाता है। इस तकनीक से तापमान, नमी और प्रकाश को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता बेहतर होती है। आत्माराम ने इसकी शुरुआत खीरे की खेती से की, जो उनके इलाके की मिट्टी और जलवायु के लिए सबसे अनुकूल थी।

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आत्माराम एक साल में खीरे की 2-3 फसलें उगाते हैं। खीरे की फसल 40-42 दिनों में तैयार हो जाती है और लगभग 100-120 दिनों तक चलती है। उनकी फसल का आकार, गुणवत्ता और वजन समान रहता है, जिससे उन्हें बाजार में बेहतर दाम मिलते हैं। आत्माराम अपने खीरे को अधिकतम 50 रुपये प्रति किलो तक बेच चुके हैं।

आत्माराम का मजबूत मार्केटिंग नेटवर्क उनकी सफलता का एक और बड़ा कारण है। यह नेटवर्क उन्हें उनकी उपज के लिए अच्छी कीमत दिलाने में मदद करता है। हालांकि, उत्पादन ज्यादा होने पर कीमतों में गिरावट आती है, लेकिन उनकी उत्पादकता उन्हें लगातार मुनाफा देती है।

आत्माराम बिश्नोई ने अपने मेहनत और सोंच से यह साबित कर दिया है कि नई तकनीकों और दृढ़ संकल्प के साथ खेती को एक नई दिशा दिया जा सकता है। दुसरे किसान भी उनकी कामयाबी से सबक हासिल कर रहे हैं, कि वे ट्रेडिशनल तरीकों से हटकर आधुनिक खेती अपनाएं, और अपनी कमाई में इज़ाफ़ा करें।