प्रदूषण पर प्रहार : पराली जलाने पर लगेगा जुर्माना, मुकदमा भी

प्रदूषण पर प्रहार : पराली जलाने पर लगेगा जुर्माना, मुकदमा भी

पराली/फसल अवशेष जलाने पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से गौतम बुद्ध नगर के डीएम ने अधिकारियों को दिये निर्देश

गौतम बुद्ध नगर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के क्रम में गौतम बुद्ध नगर जनपद के वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखने एवं पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में पराली/फसल अवशेष जलाने की घटना घटित न हो, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण हो सके इसके लिए जनपद में व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें तथा डीकम्पोजर का निःशुल्क वितरण करते हुए कृषकों को पराली/कूडा अवशेष न जलाने के बारे में भी अवगत कराये।

साथ ही जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की कि पराली/फसल अवशेष को अपने खेतों में न जलायें। पराली जलाने के बजाये पशुओं के लिए चारे में प्रयोग करे या खेत में ही डीकम्पोज करके कम्पोस्ट तैयार की जाये, जिससे मृदा की उर्वरा शक्ति बढायी जा सके।

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जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी, तहसीलदार एवं समस्त थानाध्यक्षों को निर्देश दिये हैं कि अपने क्षेत्र में कार्यवाही करे कि पराली जलने की घटनायें प्रकाश में न आये। यदि कोई किसान बार-बार पूर्नावृत्ति करता है, तो उस पर अर्थ दण्ड के साथ मुकदमा भी लगाया जायेगा।

गौतमबुद्धनगर के कृषि उप निदेशक द्वारा बताया गया कि मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में पराली अवशेष जलाने पर अंकुश लगाने को लेकर एनआईसी के माध्यम से बैठक सम्पन्न हुयी है, जिसमें जिलाधिकारी द्वारा मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि जनपद में 4 घटनायें रिपोर्ट हुई है, जिसमें जेवर तहसील अन्तर्गत ग्राम असमदपुर चौरोली में 2 बेला खुर्द में 1, नंगला कंचन में 1 रिपोर्ट हुई है। असमदपुर चौरोली एवं नगला कंचन मे 1-1 कूडा जलाने की घटना रिपोर्ट दर्ज हुई है, साथ ही 2 फसल अवशेष/पराली जलाने की है। कृषकों पर 5000 रू का अर्थ दण्ड लगाया गया है।

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जनपद में 16 जगहों पर होर्डिग, 22 न्याय पंचायतों में कृषक गोष्ठियाॅ, चिन्हित ग्रामों में 90 वाॅल पेन्टिंग, पराली प्रबन्धन से सम्बन्धित यंत्र प्रदर्शन, डीकम्पोजर 9000 कृषकों को निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है तथा जनपद स्तर पर 1 पराली प्रबन्धन से सम्बन्धित बृहद गोष्ठी का आयोजन कर प्रचार-प्रसार किया गया है। प्रचार वाहन द्वारा भी पूर्व में चिन्हित ग्रामों में पराली न जलाये जाने से सम्बन्धी प्रचार किया जा रहा है। ग्राम स्तर पर, ब्लाॅक स्तर पर, तहसील स्तर पर समिति बनाकर जनपद स्तर पर समीक्षा की जा रही है।