औरंगाबाद में बड़े पैमाने पर इलाहाबादी अमरूद की खेती, किसानों की मोटी कमाई

औरंगाबाद: वर्षा ऋतु खत्म होने वाली है, औरंगाबाद में लोगों का रुझान इलाहाबादी अमरूद के पौधे लगाने की तरफ है। इसके पौधों को लगाने के बाद सिर्फ 12 से 15 महीने में फल मिल जाता है, जिसे बेच कर किसान मोटी कमाई भी कर सकते हैं। वन विभाग के अधिकारी रामदयाल यादव के अनुसार, औरंगाबाद में इस फल की मांग बढ़ रही है।

खासकर मदनपुर और देव प्रखंड के कई गांवों में किसान इस अमरूद की खेती कर रहे हैं और इसे बाजार में बेच रहे हैं। मदनपुर के कई किसान करीब 27 एकड़ जमीन में 1400 अमरूद के पेड़ लगा चुके हैं। राजेंद्र भुइंया, राजदेव यादव और सोहराई भुइंया जैसे किसान मिलकर इस खेती को बढ़ावा दे रहे हैं।

किसान बताते हैं कि इस बंजर जमीन पर दिन-रात मेहनत करके अमरूद की खेती की जा रही है। यहां सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन किसान गड्ढा खोदकर पानी लाकर उसमें भरते हैं।

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देव प्रखंड के अरंडा रामपुर के किसान राजेंद्र भुइंया ने बताया कि कई किसान यहां अमरूद की खेती कर रहे हैं। एक एकड़ में करीब 50 से 60 पौधे लगाए जाते हैं। किसान राजेंद्र बताते हैं कि दिन-रात मेहनत करने के बाद वे हर साल 1 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा लेते हैं। यहां का तैयार अमरूद जिले के कई प्रखंडों के साथ अन्य जिलों में भी जाता है।

रामदयाल यादव ने कहा कि इलाहाबादी अमरूद की खेती में कम समय में ज्यादा आमदनी होती है। यह फसल मौसम के अनुसार अच्छी होती है, जिससे किसान इसे आसानी से उगा सकते हैं। सरकार भी बागवानी को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जिससे कई लोगों को रोजगार मिल रहा है।

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