भरतपुर के किसानों को फूलों की खेती से मिल रहा है अधिक मुनाफा

भरतपुर: भरतपुर जिला अब सिर्फ पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं, सरसों और बाजरे के लिए ही नहीं, बल्कि फूलों की खेती से भी अपनी पहचान बना रहा है। । यहां के नवली झील और आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में किसान अब गेंदे के फूल की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है। गेंदे के फूल की खेती में लागत कम आती है और मुनाफा अधिक होता है।

साथ ही, इसकी मांग सालभर बनी रहती है, जिससे यह एक आकर्षक व्यवसाय बन गया है। शादी-ब्याह, धार्मिक अनुष्ठानों, त्योहारों और सामाजिक कार्यक्रमों में फूलों की हमेशा जरूरत होती है, जिससे किसानों को बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।

इसे भी पढ़ें: वाईपी सिंह ने सुनी नर्सरी व्यवसायियों की समस्याएं

भरतपुर जिले में मुख्य रूप से पीले और सफेद गेंदे की खेती की जाती है। इसके अलावा, कुछ किसान गुलाब और अन्य सजावटी फूलों की भी खेती कर रहे हैं। एक एकड़ में गेंदे की खेती करने पर करीब दस हजार रुपये का खर्च आता है, जबकि यह फसल 30 से 40 हजार रुपये तक का मुनाफा दे सकती है।

पारंपरिक फसलों की तुलना में फूलों की फसल जल्दी तैयार हो जाती है और बाजार में इसकी कीमत भी स्थिर बनी रहती है। भरतपुर के फूल न सिर्फ स्थानीय बाजारों में बिकते हैं, बल्कि आस-पास के जिलों में भी भेजे जाते हैं। फूलों का बाजार मूल्य 20 से 150 रुपये प्रति किलो तक होता है, जो मांग के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है।

फूलों की खेती ने भरतपुर के किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफे की नई राह दिखाई है।