नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए बिहार सरकार ने फसल विविधीकरण योजना के तहत शुष्क बागवानी को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। जिसके तहत आंवला, नींबू, बेल और कटहल की खेती करने के लिए किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है।
गौरतलब है कि आंवला, नींबू और बेल न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि इसकी खेती भी आर्थिक सेहत को मजबूत बनाती है। बाजार में इनका बेहतर दाम मिलता है। इनकी खेती के जरिये किसान स्थायी आमदनी का स्रोत बना सकते हैं।
इच्छुक किसानों के लिए प्रदेश कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय ने 29 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन मंगवाना शुरू किया है। प्रदेश के सात जिलों के किसान इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इन जिलों में मानसून के दौरान कम बारिश होती है। इनमें गया, जमुई, मुंगेर, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास जिले शामिल हैं। पात्र किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर योजना का लाभ मिलेगा।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
इस योजना के तहत किसानों को आंवला, नींबू, बेल और कटहल के पौधे लगाने पर कुल लागत का 50 फीसदी या अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाएंगे। न्यूनतम 5 पौधों से लेकर अधिकतम 4 हेक्टेयर तक की खेती करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। योजना के तहत प्रति हेक्टेयर आंवला एवं नींबू के 400 पौधे और बेल एवं कटहल के 100 पौधे लगा सकते हैं। सब्सिडी राशि का लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से भेजा जाएगा।
कौन कर सकते हैं आवेदन
आवेदक को बिहार का निवासी होना चाहिए और डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत होना आवश्यक है।
राज्य के छोटे एवं सीमांत किसान आवेदन करने के लिए पात्र होंगे।
आवेदक के पास शुष्क फलों की खेती के लिए खुद की भूमि होनी चाहिए।
किसान का बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।
ऐसे करें आवेदन
आवेदन करने के लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, भूमि से संबंधित दस्तावेज, बैंक खाता पासबुक जैसे दस्तावेजों के अलावा मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होगी। विशेष जानकारी हासिल करने के लिए किसान संबंधित जिले के उद्यान सहायक निदेशक से संपर्क कर सकते हैं।