बिहार सरकार राइपनिंग चैंबर बनाने के लिए किसानो को 35% सब्सिडी देगी

पटना: बिहार में किसान अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ ज्यादा कमाई देने वाली फसलों की खेती पर भी ध्यान दे रहे हैं। बागवानी के जरिए किसानों ने अपनी आमदनी बढ़ाई है। लेकिन राइपनिंग चैंबर जैसी सुविधाएं न होने की वजह से उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं मिल पाता था। इस समस्या के समाधान के लिये राज्य सरकार ने राइपनिंग चैंबर बनाने के लिए किसानो को 35% तक सब्सिडी देने क निर्णय लिया है।

बिहार सरकार का कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय “एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना” के तहत किसानों और उद्यमियों को राइपनिंग चैंबर बनाने पर 35% सब्सिडी देगी। उदाहरण के लिए, अगर आप 1 लाख रुपये की लागत से राइपनिंग चैंबर बनवाते हैं, तो आपको 35% यानी 35,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।

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इसका मतलब है कि आपका चैंबर केवल 65,000 रुपये में बन जाएगा। इस चैंबर की मदद से किसान अपने फलों को खराब होने से बचा सकते हैं और कच्चे फलों को स्टोर करके उन्हें पकाने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, वे फलों को पकाने का अपना व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, राइपनिंग चैंबर एक कृत्रिम तकनीक है, जिसमें आम, पपीता और केला जैसे फलों को पकाया जाता है। इसमें एक चैंबर होता है, जहां अधपके फलों को पकाने के लिए रखा जाता है। इस प्रक्रिया में एथिलीन गैस का उपयोग करके फलों को धीरे-धीरे पकाया जाता है। इस तकनीक से पके हुए फल लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं और आसानी से ट्रांसपोर्ट किए जा सकते हैं। अधिकांश शहरों में बिकने वाले फल जैसे आम, केला, और पपीता इसी तकनीक से पकाए जाते हैं।