नगर निगम के कचरे से बनेगी बायो-सीएनजी

घरों से निकलने वाला कूड़ा शहरों की बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। हर रोज कई शहरों में हजारों मीट्रिक टन कूड़ा जमा होता है, जिसका निस्तारण नहीं हो पाता, जिसके परिणामस्वरूप ये कूड़े के पहाड़ में तब्दील हो जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका हल निकाला है। एक योजना के तहत लखनऊ में एक प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिससे घर से निकलने वाले गीले कूड़े से बायो सीएनजी बनेगी। यूपी सरकार इस योजना पर कुल 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। कूड़े से सरकार को कमाई भी होगी। सीएनजी के बदले कंपनी हर साल नगर निगम को 74 लाख रुपये की रॉयल्टी की राशि देगी।

लखनऊ में नगर निगम के माध्यम से घरों से निकलने वाले कूड़े के रूप में हर दिन करीब 2200 मीट्रिक टन कचरा निकाला जाता है। अभी तक कचरा निस्तारण प्लांट के द्वारा करीब एक हजार मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण हो रहा है, जिसकी वजह से बचे हुए 1200 मीट्रिक टन कूड़े का जमा हो रहा है। कूड़े के निस्तारण में समस्या को देखते हुए पीपीपी मॉडल पर बायो सीएनजी प्लांट लगाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। दिल्ली की कंपनी ‘एवर इनवायरो’ का चयन इसके लिए किया गया है। प्लांट अमौसी के हडाइखेड़ा में 12 एकड़ जमीन पर लगेगा।

नगर निगम के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि बायो सीएनजी प्लांट में रोजाना 300 मीट्रिक टन गीले कचरे का निस्तारण होगा। निगम के पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान ने बताया कि प्लांट पर जो भी सीएनजी बनेगी, वह नगर निगम को बाजार से प्रति किलो 5 रुपये सस्ती मिलेगी।

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