लौकी की 5 बेहतरीन किस्मों से पाएं बंपर पैदावार

लखनऊ: लौकी सब्जी के रूप में हर घर में इस्तेमाल की जाती है, अगर सही तकनीक और उन्नत बीज से इसकी खेती की जाए  तो यह  किसानों को बेहतर मुनाफा दे सकती है।  लौकी की 5 बेहतरीन किस्मों के बारे हम बात करेंगे, जो अधिक उत्पादन और रोगों के प्रति सहनशीलता के लिए प्रसिद्ध है।

अर्का गंगा, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) द्वारा विकसित यह किस्म केवल 56 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी बेल मजबूत और फल मध्यम आकार के और चमकदार होते हैं। रोग प्रतिरोधी यह किस्म प्रति हेक्टेयर लगभग 58 टन उत्पादन देती है।

अर्का बहार, यह जल्दी पकने वाली किस्म है, जिसे सालभर उगाया जा सकता है। हल्के हरे, लंबे और स्वादिष्ट फलों वाली यह किस्म गर्मी और कम पानी में भी बेहतरीन उत्पादन देती है। इसकी उपज क्षमता प्रति हेक्टेयर 40-45 टन है।

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अर्का नूतन, इस किस्म के सफेद और आकर्षक फल इसकी खासियत हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता और 56 दिनों में तैयार होने वाली यह किस्म प्रति हेक्टेयर लगभग 46 टन तक पैदावार देती है।

पूसा संदेश, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित यह किस्म हल्के हरे रंग और मध्यम आकार के फलों के लिए जानी जाती है। यह गर्मी और नमी वाले क्षेत्रों में अधिक मुनाफा देती है। इसकी उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर 32 टन तक है।

सम्राट, अपने नाम की तरह यह किस्म बेजोड़ है। इसके लंबे, चिकने और बेलनाकार फल 30-40 सेमी तक बड़े होते हैं। यह किस्म 150-180 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 400-500 क्विंटल तक पैदावार देती है।

बेहतर फसल के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है। बीज को फफूंदनाशक से उपचारित करें, नियमित सिंचाई करें, जलभराव से बचें। जैविक खाद और संतुलित उर्वरक का इस्तेमाल करें। समय-समय पर खरपतवार हटाकर मिट्टी भुरभुरी बनाएं।