बुंदेलखंड के किसान अमरूद की बागवानी से कर रहे हैं मोटी कमाई
बुंदेलखंड: हाल के समय तक उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र कृषि के छेत्र में बहुत पिछड़ा हुआ था , लेकिन यहां के किसानों ने अपने सोंच बदली और अब वे खेती को मुनाफे का जरिया बना रहे हैं। स्थानई निवासी रामलाल मिश्रा ने अपने खेत में अमरूद की बागवानी शुरू कर के दुसरे किसानों को एक नई दिशा दिखाई है। पारंपरिक खेती में चुनौतियों का सामना कर रहे किसानों के लिए वे एक रोल मॉडल बन गए हैं।
यूट्यूब पर अमरुद कि बागवानी का वीडियो देखकर रामलाल को अमरूद की बागवानी का शौक चढ़ा। लेकिन यह काम उतना आसान नहीं था, प्रारम्भ में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिंग उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वीडियो से जानकारी हासिल कर उन्होंने अपने फार्म हाउस में 100 से अधिक अमरूद के पेड़ लगाए। सात-आठ महीने के बाद अमरूद के ये पेड़ फल देने लगें, जिससे रामलाल की तक़दीर ही बदल गयी । प्रत्येक पेड़ से एक सीजन में लगभग 10,000 रुपये की आमदनी होती है। इस तरह 100 पेड़ों से लाखों रुपये की कमाए की जा रही है।
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अमरूद की खेती में लागत भी कम है। एक पेड़ को लगाने और उसकी देखभाल पर लगभग 1,000 रुपये का खर्च आता है , लेकिन अगर मुनाफे की बात करें तो यह कई गुना अधिक है। रामलाल के इस प्रयास से छेत्र के अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे हैं। इस तरीका न सिर्फ उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि पूरे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में भी तेज़ी से सुधार हुआ है।
बुंदेलखंड के कई किसान पारंपरिक खेती और कम आमदनी से निराश हो चुके थे, अब अमरूद की बागवानी की ओर वे अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मिश्रा जैसे किसान ने यह साबित कर दिया है कि अगर सही तकनीक और मेहनत से बागवानी की जाए तो यह न केवल एक रोजगार है बल्कि बड़े मुनाफे का बहुत बड़ा साधन भी है।