पूर्वोत्तर राज्यों में बागवानी उत्पादन बढ़ाने पर केंद्र का जोर
नई दिल्ली – भारत सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में बागवानी के क्षेत्र में तरक्की के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा को बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। इससे न केवल देश में फलों और सब्जियों की राष्ट्रीय उपलब्धता में वृद्धि होगी बल्कि आयात पर निर्भरता भी कम होगी। इस पहल से फल और सब्जियों की कीमतों पर नियंत्रण किया जा सकेगा, जिसका सीधा असर मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
शुक्रवार को एक दिवसीय सम्मलेन में उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने इन राज्यों से बागवानी फसलों के उत्पादन में वृद्धि करने की अपील की। केंद्र सरकार और एनसीसीएफ (नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन) के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में खाद्य मूल्य प्रबंधन और बागवानी उत्पादन बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा हुई।
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केंद्रीय सचिव ने राज्यों के समावेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देते हुए विभाग द्वारा दी जाने वाली सहायता और अनुबंध खेती के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के लिए बीज मिनी किट की योजना भी चलाई है, जिससे किसानों को बेहतर उत्पादन में मदद मिलेगी।
केंद्र के इस कदम से पूर्वोत्तर क्षेत्र में बागवानी के विकास के साथ साथ वहां कि आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा , फलों और सब्ज़िओं के उत्पादन में इज़ाफ़ा से देश में बागवानी प्रोडक्ट्स में बढ़ोतरी के साथ साथ वहां के किसानों की आर्थिक स्तिथि में भी सुधार होगा।