सर्दियों में अमरूद की बेहतर पैदावार के लिए अपनाएं कुछ टिप्स

प्रयागराज: अमरूद एक उष्णकटिबंधीय फल है जो लगभग अलग-अलग जलवायु में उगता है। सर्दी के मौसम में अमरूद बाज़ारों कि रौनक बन जाती है, इस मौसम में सही प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। सर्दियों में पौधों की सही से देख भाल बहुत ज़रूरी है ताकि अधिक से अधिक प्रोडक्शन हो सके। इसके लिए पौधों की कटाई-छंटाई भी जरूरी होती है। मृत या रोगग्रस्त शाखाओं को हटाने से हवा का संचार और प्रकाश प्रवेश बेहतर होता है, जिससे नई और फलदार टहनियों का विकास होता है।

मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए सर्दियों से पहले उसका परीक्षण करें और आवश्यकता अनुसार जैविक खाद मिलाएं। इसके साथ ही, जैविक मल्चिंग (जैसे पुआल या पत्ते) से मिट्टी की नमी बनी रहती है और तापमान स्थिर रहता है। सर्दियों में पौधों को कम पानी की जरूरत होती है, लेकिन मिट्टी की नमी का ध्यान रखना चाहिए। ड्रिप सिंचाई से पानी सीधे जड़ों तक पहुंचता है और बर्बादी कम होती है।

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सर्दी के मौसम के दौरान उर्वरक का भी संतुलित प्रयोग करना चाहिए। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम से भरपूर उर्वरक का प्रयोग जड़ों को मजबूत बनाता है। सर्दी के मौसम में कीटों और बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए नियमित निगरानी रखें। फल मक्खियों और मिलीबग जैसे कीटों से बचाव के लिए प्राकृतिक उपाय और जैविक कीटनाशक जैसे नीम का उपयोग करें।

ठंडे इलाकों में नए पौधों को बचाने के लिए पॉलीहाउस का  उपयोग करें। इन सभी उपायों को अपनाकर सर्दियों में अमरूद की उपज और गुणवत्ता को बनाए रखा जा सकता है, जिससे अच्छी फसल मिलेगी ।