जलवायु परिवर्तन के कारण आम के मंजर में हो सकती है देरी
लखनऊ: इस साल ठण्ड का मौसम देरी से आया है और तापमान बहुत अधिक कम नहीं हुआ जिसका प्रभाव हॉर्टिकल्चर और फ्लोरीकल्चर दोनों पर पड़ रहा है। मौसम के बदलते परिस्थितियों को देखते हुए किसानों में यह सवाल उठ रहा है कि इस साल आम में मंजर समय पर आएंगे या देरी से।
विशेषज्ञों के अनुसार आम के मंजर आने में विलंब हो सकता है। आम के पेड़ों में अच्छे मंजर आने के लिए ढाई से तीन महीने तक शुष्क और ठंडा मौसम जरूरी होता है। आदर्श रूप से फूल आने के लिए 25°C से 35°C तक का तापमान अनुकूल माना जाता है। लेकिन जब तापमान 10°C तक गिर जाता है, तो मंजर आने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
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मंजर और पेड़ की देखभाल के लिए जरूरी बातें, आम के पेड़ों को कम से कम 6 से 8 घंटे की धूप मिलनी चाहिए, जिससे मंजर निकलने की प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके। हल्की अम्लीय से तटस्थ पीएच (6.0 से 7.5) वाली दोमट मिट्टी आम के लिए सबसे उपयुक्त होती है। फूल आने के दौरान नियमित रूप से पानी देना आवश्यक है, लेकिन जलभराव से बचना चाहिए, वरना जड़ों को नुकसान हो सकता है। कीट और बीमारियों से बचाव के लिए समय-समय पर निरीक्षण और जैविक या रासायनिक उपचार जरूरी है।
इस वर्ष के ठंड का प्रभाव आम के साथ साथ दुसरे फलों के उत्पादन पर भी पड़ सकता है, यदि किसान सही से देखभाल और प्रबंधन करें तो अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे हालत में विशेषज्ञों की सलाह मानना किसानों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगा।