फलों की तुड़ाई में नई तकनीकी सहयोग के लिए सीएनएच ने ICAR-CITH श्रीनगर के साथ किया समझौता
नई दिल्ली। भारत में फलों की तुड़ाई को लेकर नई तकनीक के संबंध में सहयोग करने के लिए सीएनएच ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (आईसीएआर-सीआईटीएच/ ICAR-CITH), श्रीनगर के साथ एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते के तहत अत्याधुनिक तकनीकों के ज़रिये फलों, विशेष रूप से सेब तोड़ने के मशीनीकरण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इससे भारत की विशिष्ट कृषि चुनौतियों के अनुरूप नवोन्मेषी समाधानों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
आइए इस समझौता के बारे में विस्तार से जानते हैं कि कैसे अत्याधुनिक तकनीकों के ज़रिये फलों, विशेष रूप से सेब तोड़ने के मशीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा-
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कृषि समुदाय के लोगों को मिलेगा व्यापक लाभ
सीएनएच इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर/ CNH India Technology Center में उन्नत प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष विभाग के ग्रुप लीडर डॉ. गर्व मोडवेल ने कहा, “यह रणनीतिक साझेदारी बागवानी के दायरे में अभूतपूर्व नवोन्मेष को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहती है। आईसीएआर- सीआईटीएच के साथ मिलकर, हम कृषि दक्षता और उत्पादकता में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए अपने ज्ञान तथा विशेषज्ञता के संयोजन के लिए तत्पर हैं, जिससे किसानों और व्यापक कृषि समुदाय को लाभ होगा। ”
एमओयू के अनुसार, सीएनएच तुड़ाई के तरीके और विकास प्रक्रिया की देखरेख करेगी। कंपनी फील्ड परीक्षणों के लिए प्रोटोटाइप की आपूर्ति करेगी और परीक्षण परिणामों के आधार पर सुधार करेगी। आईसीएआर-सीआईटीएच श्रीनगर के निदेशक डॉ. एम.के. वर्मा ने कहा, “हम भारतीय बागवानी क्षेत्र में तकनीकी प्रगति लाने के लिए सीएनएच के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। यह परियोजना हमारे विशेषज्ञों को समाधान विकसित करने में अपने अनुभव और समझ को लागू करने का अवसर प्रदान करती है, जो भारत में फलों की कटाई के भविष्य को नया आकार देने में मदद करेगी।
आईसीएआर-सीआईटीएच इमेज कलेक्शन, लॉजिस्टिक्स और परिचालन पहलुओं का मदद करेगा। संस्थान क्षेत्रीय परीक्षण डेटा जैसे तुड़ाई दक्षता, तुड़ाई के बाद के नुकसान और फलों की गुणवत्ता पर प्रभाव का विश्लेषण करेगा।
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