नई दिल्ली। फूलों में रजनीगंधा का एक अलग स्थान है, यह फूल लंबे समय तक सुगंधित और ताजा रहता हैं। जिसके कारण इनकी मांग पूजा-पाठ से लेकर सजावट के लिए ज्यादा होती हैं। बाजार में इसकी मांग काफी अच्छी खासी है। यह फूल एमरिलिडिएसी ग्रुप का पौधा है। भारत में इसकी खेती महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तामिलनाडु, पश्चिम बंगाल, सहित कई प्रदेशों में की जाती हैं। विदेशों में भी इसकी खेती की जाती है। किसान रजनीगंधा खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
रजनीगंधा की खेती से किसान बेहतर कमाई कर सकते हैं। सुगंध के कारण इसकी मांग बाजार में अधिक है। इसका उपयोग माला और शादी-विवाह की सजावट के लिए इ किया जाता है। इसके साथ-साथ रजनीगंधा फूल का उपयोग सुगंधित तेल बनाने के लिए भी किया जाता है। इससे इत्र या परफ्यूम भी बनाया जाता है।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की तरफ से किसानों को रजनीगंधा की खेती करने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। किसानों के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत लाभ दिया जाता है।
रजनीगंधा की खेती की खेती के लिए सब से पहले खेत की मिट्टी को मुलायम कर लें। यह शीतोष्ण जलवायु का पौधा है, किसान फरवरी मार्च के अलावा सालभर आसानी से इसकी खेती कर सकते है। गर्म और आर्द्र जगहों पर इस फूल का अच्छा विकास होता है। इसके अलावा रजनीगंधा के विकास और वृद्धि के लिए मौसम का तापमान 20 से 35 सेंटीग्रेड उपयुक्त माना जाता है। रजनीगंधा की पौधे को हमेशा धुप की आवशकता होती है, छायादार स्थान इसके लिए उपयुक्त नहीं होता है। यह बलुई या दोमट मिट्टी में अच्छी ग्रोथ करता हैं।
रजनीगंधा के पौधा कलम, कंद द्वारा लगाई जाती है। कंद की रोपाई के लिए जनवरी और फरवरी का महीना उपयुक्त माना जाता है। ध्यान रहे कंदों या कलम की दूरी लबभग 15 से 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
रजनीगंधा फूल की खेती की अच्छी उपज के लिए गोबर की खाद, नाइट्रोजन फॉस्फोर और पोटाश की मात्रा डालें। खेत में नाइट्रोजन कम से कम 3 बार देना चाहिए। एक रोपाई से पहले, दूसरा रोपाई के साथ और तीसरा जब पौधों में फूल आना शुरू हो जाएं तब देना चाहिए।
रजनीगंधा फूल की खेती से किसोनों को बंपर मुनाफा हो रहा है। एक हेक्टेयर में रजनीगंधी की खेती करने में 1-2 लाख का खर्च आता है। इसकी खेती से पहले साल में प्रति हेक्टेयर लगभग 90 से 100 क्विंटल फूल प्राप्त होते हैं। इससे आप हर साल 5 लाख रुपए तक आराम से कमा सकते हैं।