जुलाई में करें वेरोनिका की खेती, मिलेगा बढ़िया मुनाफा
नर्सरी टुडे डेस्क
नई दिल्ली। बरसात शुरू हो चुकी है। अगर ऐसे मौसम में आप किसी फूल की खेती करने को इच्छुक हैं तो वेरोनिका का चुनाव आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। वेरोनिका को ‘स्पीडवेल’ के नाम से जाना जाता है। यह फूल यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया में प्रमुख तौर पर पाया जाता है। वेरोनिका फूल नीले, बैंगनी, गुलाबी और सफेद सहित विभिन्न रंगों में खिलते हैं। फूलों में चार पंखुड़ियां होती हैं। इसकी खेती के लिए जुलाई का महीना सबसे सही है। आइये, इस फूल के बारे में विस्तार से जानें…
फूलों का साइज
वेरोनिका फूल लंबे व पतले तनों पर उगते हैं। वेरोनिका फूल बरसात के मौसम में अच्छी तरह से खिल सकते हैं। हालांकि इसकी कुछ किस्में शुरुआती पतझड़ तक खिलती रह सकती हैं। वेरोनिका फूलों का आकार आम तौर पर छोटा व नाजुक होता है। प्रत्येक फूल की साइज लगभग 1/4 से 1/2 इंच तक होती है। वेरोनिका फूल के पौधे बारहमासी होते हैं, जो पत्तियों के गुच्छों का निर्माण करते हैं। ये आमतौर पर किस्म के आधार पर 1 से 3 फीट लंबे होते हैं।
उपयुक्त वातावरण
वेरोनिका के पौधे पूर्ण सूर्य या आंशिक छाया में पनपते हैं। इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी होनी चाहिए और मिट्टी में भरपूर कार्बनिक पदार्थ भी होने चाहिए। दोमट, चिकनी मिट्टी या रेतीली मिट्टी वेरोनिका की खेती के लिए सबसे अच्छी होती है। वेरोनिका के पौधों में मिट्टी को नम रखने के लिए नियमित रूप से पानी देना आवश्यक है लेकिन पानी इतना भी नहीं देना है कि जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाए।
सजावट में इस्तेमाल होता है ये फूल
वेरोनिका फूलों का उपयोग आमतौर पर फूलों की क्यारियों, बॉर्डर्स और कंटेनरों में किया जाता है। सजावट के लिए भी वेरोनिका के फूल का काफी इस्तेमाल होता है। वेरोनिका फूल तितलियों और मधुमक्खियों के लिए आकर्षक होते हैं। हालांकि वेरोनिका प्रजाति मूल भारत की नहीं है, लेकिन अपने देश के विभिन्न हिस्सों में इसकी व्यापक रूप से खेती की जाती है। यह अपनी सजावटी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। अक्सर इसकी खेती बगीचे में की जाती है। वेरोनिका के पौधे पूरे भारत में खासकर ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह अत्यधिक गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में नहीं पनप सकती है क्योंकि यह ठंडी परिस्थितियों को पसंद करती है।